ग्वालियर

डाक विभाग की नई सुविधा, अब न ओटीपी, न अंगूठे का झंझट, एक नजर में ट्रांजेक्शन पूरा

MP News: डाक विभाग ने बैेंकिंग लेन-देन के लिए शुरू की नहीं सुविधा, नहीं पड़ेगी ओटीपी और अंगूठे की जरूरत, न हो सकेगी धोखाधड़ी, India Post Payments Bank (IPPB) की इस सुविधा का जानें कैसे ले सकेंगे लाभ...?

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Postal Department New Facility(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: डाक विभाग (Postal Department) के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने ग्राहकों के लिए अब चेहरे की पहचान के जरिए बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रारंभ की है। अब ग्राहकों को ओटीपी या फिंगर प्रिंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस सुविधा को आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) कहा जाता है और यह विशेष रूप से बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए उपयोगी है साबित होगी, जिन्हें पारंपरिक रूप से अंगूठे के निशान या ओटीपी का उपयोग करने में कठिनाई आती है। जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में पिछले सात वर्ष से चल रहे इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के करीब दो लाख खाताधारक हैं।

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ऐसे कर सकेंगे उपयोग

आईपीपीबी मोबाइल एप डाउनलोड (IPPB Mobile App) करें : यदि आपके पास पहले से नहीं है, तो अपने स्मार्टफोन में आईपीपीबी मोबाइल ऐप डाउनलोड करें।

आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर : सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है।

फेस स्कैनिंग : एप में लॉग इन करें और जब भी आपको ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता हो, तो अपना चेहरा स्कैन करें।

आसानी : ट्रांजेक्शन के लिए बस अपना चेहरा दिखाना होUIDगा।

सुरक्षा : आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से ट्रांजेक्शन अधिक सुरक्षित होता है।

समय की बचत : ओटीपी या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं होने से समय की बचत होती है।

UIDAI के सिस्टम के तहत तैयार की है ये सुविधा

ये सुविधा यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के सिस्टम के तहत तैयार की गई है। इसमें ग्राहक अपने चेहरे की पहचान के जरिए आधार ऑथेंटिकेशन कर सकेंगे, जिससे धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी। इसके साथ ही यदि कोई बीमार है, या ऐसी स्थिति है जहां शारीरिक संपर्क संभव नहीं, वहां ये फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक बेहद काम की साबित होगी।

खाता ऑपरेट करने में आसानी होगी

आईपीपीबी की ओर से हाल ही में फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा प्रारंभ की गई है। यह तकनीक उन लोगों को साथ लाने का जरिया है, जो अब तक ओटीपी या बायोमैट्रिक की वजह से पीछे छूट जाते थे। इससे ग्राहकों को अपना खाता ऑपरेट करने में आसानी होगी।

-एके सिंह, प्रवर अधीक्षक, डाक विभाग

Updated on:
11 Aug 2025 09:23 am
Published on:
11 Aug 2025 09:22 am
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