लग्जरी कार सवार दो जने गिरफ्तार, संगरिया थाना व डीएसटी हनुमानगढ़ की कार्रवाई, तीन किलो आठ ग्राम हेरोइन व दो चायनीज पिस्टल जब्त
हनुमानगढ़. तस्करों की बॉर्डर पार से मंगवाई गई हेरोइन की खेप की राजस्थान में सप्लाई करने का प्लान जिला पुलिस ने फेल कर दिया। जिला विशेष टीम सेक्टर हनुमानगढ़ एवं संगरिया थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए लग्जरी कार सवार दो जनों को तीन किलो आठ ग्राम हेरोइन तथा दो विदेशी पिस्टल सहित गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में से एक पंजाब का तथा दूसरा भरतपुर जिले का है।
जिला पुलिस अधीक्षक हरीशंकर यादव ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कार्रवाई का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब्त हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है। तस्करी के आरोप में भूपेन्द्र सिंह (43) पुत्र अवतारसिंह ढिल्लो निवासी भगवानगढ़, जिला बठिण्डा, पंजाब तथा नासिर (23) पुत्र तैयब मेव निवासी गांव जहातली, जिला डीग भरतपुर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी भूपेन्द्र के खिलाफ पंजाब व राजस्थान के विभिन्न थानों में चोरी, नकबजनी, आम्र्स एक्ट आदि के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। आरोपी नासिर के खिलाफ चोरी, लूट, हत्या के प्रयास, आम्र्स एक्ट आदि के दर्जनों मामले दर्ज हैं। आरोपी अंतरराज्यीय चोर गिरोह का सदस्य है। आरोपियों से हेरोइन की सप्लाई व खरीद के नेटवर्क के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
एसपी यादव ने बताया कि दोनों आरोपी विदेशी हैंडलर्स से संपर्क में थे। पंजाब के हरिके क्षेत्र से दोनों ने हेरोइन की सप्लाई ली थी। सप्लायर के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। दोनों आरोपियों के कब्जे से चीन निर्मित पिस्टल बरामद की गई है। ऐसे में गैंगस्टर्स से उनके कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है। संगरिया में वायदा कारोबारी की हत्या मामले में उपरोक्त किस्म की ही चायनीज पिस्टल इस्तेमाल की गई थी।
एएसपी अरविन्द बिश्नोई व डीएसपी संगरिया रमेशचंद्र माचरा के सुपरविजन में संगरिया थाना प्रभारी अमर सिंह ने सूचना के आधार पर मय टीम नगराना रोही में टोल नाके के पास नाकाबंदी की। इस दौरान हैरियर कार एचआर 29 एवी 8401 को रुकवा कर तलाशी ली। उसमें सवार भूपेन्द्र सिंह व नासिर के कब्जे से तीन किलो आठ ग्राम हेरोइन दो विदेशी पिस्टल मय मैग्जीन व एक अतिरिक्त मैग्जीन तथा 14 जिन्दा कारतूस बरामद किए गए। दोनों पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जंक्शन थाना प्रभारी रामचन्द्र कस्वां को जांच सौंपी गई।