हनुमानगढ़

Rajasthan: पिता पर टूटा कहर, पहले हुई थी 6 लड़कों की मौत, अब आखिरी दो मासूम बेटों की डूबने से टूट गईं सासें

घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों बच्चों के शवों को पीलीबंगा स्थित राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाकर परिजनों को सूचित किया।

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पीलीबंगा में अस्पताल परिसर के बाहर बालकों के गम में बिलखता पिता। फोटो- पत्रिका

राजस्थान के हनुमानगढ़ के पीलीबंगा कस्बे के समीप पीबीएन नहर में सोमवार दोपहर बकरियां चरा रहे तीन बच्चे डूब गए। गांव दुलमाना निवासी दो सगे भाई 11 वर्षीय कृष्ण व 12 वर्षीय वकील पुत्र नानकराम बावरी और 15 वर्षीय किशोर अमनदीप पुत्र कृष्णलाल वर्मा की पीबीएन नहर में डूबने से मौत हो गई। घटना के बाद गांव में शोक व्याप्त हो गया।

तीनों बच्चे पीबीएन नहर के पटड़े पर बकरियां चरा रहे थे। इसी दौरान एक बालक पानी भरने नीचे उतरा, तभी उसका पैर फिसला और वह नहर में जा गिरा। उसे बचाने की कोशिश में बाकी दो किशोर भी पानी की गहराई में समा गए। खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने जब यह दृश्य देखा, तो उन्होने दौड़ कर रस्सों की सहायता से नहर में उतरकर तीनों को बाहर तो निकाल लिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

गांव में सन्नाटा

घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों बच्चों के शवों को पीलीबंगा स्थित राजकीय चिकित्सालय में पहुंचाकर परिजनों को सूचित किया। परिजनों के पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने मृतक तीनों बालकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए।

गांव दुलमाना में सोमवार को हुई इस घटना की खबर फैलते ही सन्नाटा पसर गया। भाजपा अनुसूचित जाति के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, प्रशासक प्रतिनिधि हनुमान सिंह, भाजपा के विजय बेनिवाल, महेंद्र खिलेरी, रूपराम महिया आदि ने अस्पताल पहुंचकर मृतक बालकों के परिजनों को ढांढस बंधाया।

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छह बच्चों को पहले ही खो चुका नानकराम

अस्पताल परिसर के बाहर मृतक किशोरों के पिता नानकराम की कहानी सुनकर हर कोई शोकाकुल हो गया और हर आंख नम हो गई। मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे नानकराम ने बताया कि इससे पहले उनके छह बच्चों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी छह मृतक बालक शारीरिक रूप से विकलांगता के कारण करीब 11-12 वर्ष तक जिंदा रहने के बाद असमय चल बसे।

अब दो स्वस्थ बेटों को देखकर उन्हें फिर उम्मीद जगी थी, लेकिन वे भी सोमवार को काल की क्रूरता के शिकार हो गए। अब नानकराम के परिवार में सिर्फ एक बेटी बची है। उसकी शादी की तैयारियां की जा रही थी। बेटों की मौत की खबर सुनकर घर में शोक छा गया।

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