Anger Can Increase Heart Disease Risk: शरीर में कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है, खासकर दिल से जुड़ी बीमारियां।गुस्सा आना या गुस्से को दबाकर रखना, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की गड़बड़ी यहां तक कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
Anger Can Increase Heart Disease Risk: गुस्सा आना एक सामान्य भावना है, जो अक्सर लोगों में देखने को मिलती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर यह अनियंत्रित हो और रोज़ आने लगे, तो यह शरीर के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। साथ ही, यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर कर सकता है। यह शरीर में कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है, खासकर दिल से जुड़ी बीमारियां। गुस्सा आना या गुस्से को दबाकर रखना, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की गड़बड़ी यहां तक कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। आइए जानें, गुस्से को कैसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।
नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ के मुताबिक गुस्सा सबसे पहले ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। चिढ़चिढ़ेपन के दौरान नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर अचानक ऊपर चला जाता है। अगर यह स्थिति बार-बार दोहराई जाए, तो दिल की मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं।
जब इंसान गुस्से में होता है, तब शरीर अचानक "फाइट ऑर फ्लाइट" मोड में चला जाता है। इस दौरान स्ट्रेस हार्मोन (जैसे एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल) तेजी से निकलते हैं, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है। लगातार ऐसा होने पर दिल पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी दोगुना हो जाता है।
गुस्से की वजह से दिल की धड़कन कभी सामान्य से तेज़ हो सकती है तो कभी अनियमित। लंबे समय में यह स्थिति एरिथमिया जैसी गंभीर हार्ट कंडीशन को जन्म दे सकती है।
क्रोनिक एंगर यानी लगातार गुस्से की आदत से शरीर में इंफ्लेमेशन यानी सूजन बढ़ जाती है। यह सूजन धमनियों में प्लाक जमने का कारण बनती है। समय रहते कंट्रोल न करने पर यही प्लाक ब्लॉकेज और आगे चलकर हार्ट अटैक का बड़ा कारण बन सकता है।
अक्सर लोग तनाव या गुस्से को शांत करने के लिए धूम्रपान, शराब पीना या जरूरत से ज्यादा खाना जैसी आदतें अपना लेते हैं। ये आदतें दिल को और ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ा देती हैं।