
Heart Disease Rates: दिल की बीमारी (Heart Disease) अब बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई है। बल्कि यंग ऐज के लोग भी इसकी गिरफ्त में है। यह बीमारी दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है। आंकड़ों की मानें तो हर 34 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत दिल की बीमारी से होती है।
सिर्फ अमेरिका में ही 2023 में करीब 9 लाख से ज्यादा लोगों की जान कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) से हुई थी। इतना ही नहीं दुनिया में कई ऐसे छोटे-छोटे देश हैं जहां के हालात और भी गंभीर हैं। तो आइए जानते हैं किन देशों में हार्ट अटैक और हार्ट डिजीज के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं।
साल 2022 और 2021 के आंकड़ों को देखें तो बहुत सारे देश ऐसे हैं जहां हार्ट डिजीज के मामले बहुत आधिक है।
उज्बेकिस्तान: यहां हर 1 लाख लोगों में से करीब 798 मौतें हार्ट डिजीज से होती हैं।
नाउरू (Nauru): यहां साल 2021 में हर 1 लाख में 722 लोगों की मौत दिल की बीमारी से हुई है। खराब डाइट और मोटापे की वजह से ये देश सबसे टॉप पर है।
अजरबैजान और ताजिकिस्तान: इन दोनों ही देशों में 100,000 लोगों में से 600 से ज्यादा मौतें हार्ट डिजीज से देखने को मिली है।
अफगानिस्तान: इस देश में दिल की बीमारी की दर इतनी ज्यादा है कि हर 100 में से 12-13 लोग प्रभावित रहते हैं।
वहीं, नॉर्थ मेसिडोनिया, सोलोमन आइलैंड्स और वनुआतु जैसे देशों में भी हालात बेहद खराब हैं।
आंकड़ें बताते हैं कि अमेरिका में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है। साल 2022 में सिर्फ कोरोनरी हार्ट डिजीज से ही 3.7 लाख मौतें हुईं। इसमें लगभग 5% वयस्क को कोरोनरी हार्ट डिजीज है। वहीं, साल 2023 में दिल की बीमारी से मरने वालों में से हर 6 में से 1 व्यक्ति की उम्र 65 साल से कम थी।
हार्ट डिजीज के कई कारण हैं लेकिन इनमें हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और अनहेल्दी डाइट साथ ही फिजिकल एक्टिविटी की कमी प्रमुख मानी जाती है।
Published on:
29 Aug 2025 03:11 pm
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