सर्दियों में Asthma की समस्या से सबसे से ज्यादा परेशानी बुजूर्ग और बच्चों को होती है। इसलिए आप इससे बचना चाहते हैं तो कुछ आयुर्वेदिक टिप्स अपना सकते हैं जिससे के सेवन से आप इस परेशानी से आराम पा सकते हैं।
Ayurvedic Tips for Asthma : सर्दियों का मौसम आते ही बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आने लगते हैं। अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें सांस की नली में सूजन हो जाती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और खाँसते समय सीने में दर्द आदि शामिल है। अस्थमा (Asthma) के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय रहते अस्थमा का इलाज करान जरूरी होता है यदि समय पर इसका इलाज नहीं कराया जाता है तो इसके लक्षण बढ़ने लगते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार यदि हम आयुर्वेद उपाय अपनाते हैं तो अस्थमा में फायदा मिलता है।
कफ की समस्या में होने पर तुलसी फायदेमंद होती है। इसके में कई गुण मौजूद होते हैं। यदि आप तुलसी का सेवन करते हैं तो इससे रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमा कफ को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही इसका सेवन सांस की नली के सूजन को भी कम करता है। इसके लिए आपको 5-10 तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबालना है और जब हल्का गुनगुना हो जाए इसमें शहद मिलाकर पी लेना चाहिए। यदि आप दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करते हैं तो इससे खांसी में सुधार होता है और गले में जमा कफ दूर हो जाता है।
आयुर्वेद का मानना है कि मुलेठी कफ की लिए एक सर्वोतम औषधि होती जो कफ को गले में रोकन से रोकती है। मुलेठी में ऐसे गुण होते है जो कफ को शांत करने में फायदेमंद होते हैं। इसलिए मुलेठी अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यदि आप मुलेठी के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीना शुरू करते हैं तो इससे फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है।
अदरक का प्रयोग प्रायः हर घर में किया जाता है। कुछ लोग इसे चाय में डालते हैं, जबकि अन्य सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अदरक कफ को कम करने में अत्यंत प्रभावी है और अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। यह श्वासनली को खोलने में सहायता करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। अदरक की चाय फेफड़ों की समस्याओं में राहत प्रदान करती है। अस्थमा के लक्षणों से निजात पाने के लिए ताजा अदरक का रस निकालकर पीना फायदेमंद है। अदरक के रस में शहद मिलाकर पीने से इसका प्रभाव जल्दी होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।