राज्य सेवा नियम को सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू ना करने के विरोध में आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज के 102 डॉक्टर्स सोमवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए। हड़ताल की घोषणा के बाद अस्पताल प्रशासन ने ग्रुप 2 व रेजीडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति कर मरीजों को राहत दिलाई। ऐसे में मरीजों में इलाज कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। उधर हड़तालरत डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। जिंदा डॉक्टर को स्ट्रेचर पर लिटाकर यात्रा निकाल डॉक्टरों को सरकार द्वारा मार देने का संदेश दिया।
भीलवाड़ा. राज्य सेवा नियम को सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू ना करने के विरोध में आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज के 102 डॉक्टर्स सोमवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए। हड़ताल की घोषणा के बाद अस्पताल प्रशासन ने ग्रुप 2 व रेजीडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति कर मरीजों को राहत दिलाई। ऐसे में मरीजों में इलाज कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। उधर हड़तालरत डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। जिंदा डॉक्टर को स्ट्रेचर पर लिटाकर यात्रा निकाल डॉक्टरों को सरकार द्वारा मार देने का संदेश दिया। दरअसल, राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के तहत भीलवाड़ा सहित प्रदेश में संचालित 17 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक शिक्षक राज्य सेवा नियम को उन पर लागू करने के लिए सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इसके पीछे कारण यह रहा कि सरकार ने बजट में राजमेस में राज्य सेवा नियम स्वीकार करने की घोषणा की थी। अब इन नियमों को सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू ना कर 1 अगस्त 2024 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर ही लागू करने की योजना बना डाली। इसे लेकर राजमेस के अधीन 17 मेडिकल कॉलेजों के 950 डॉक्टर्स में रोष व्याप्त हो गया। हड़तालरत शिक्षक चिकित्सक अनुपम बंसल व चेतन जैन ने बताया कि राज्य सेवा नियम सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू करने के लिए उनके प्रतिनिधि मंडल की जयपुर में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी व राजमेस के डायरेक्टर इकबाल खान से वार्ता हुई लेकिन असफल रही। इसके बाद चिकित्सक शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। चिकित्सकों का आरोप हमारे केडर को मृत घोषित किया हड़तालरत चिकित्सक डॉ. मिनी शर्मा ने बताया कि राज्य सेवा नियम लागू ना करके सरकार ने राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के सभी 17 मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के कैडर को डाइंग (मृत) घोषित कर दिया है। हड़तालरत डॉ.लीना जैन ने बताया कि 102 क्लीनिकल व नॉन क्लीनिकल चिकित्सकों की हड़ताल से निश्चित रूप से एमजी हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं गड़बड़ाएगी। कॉलेज के डॉक्टर्स टीचर ओपीडी में भी बैठते है और उपचार भी करते है। अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सरकार ने बजट में की थी घोषणा राज्य सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि राजमेस में भी राज्य सेवा नियम एडोप्ट करेंगे, परंतु वित विभाग व राजमेस ने नियमों को वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों पर लागू ना कर 1 अगस्त 2024 के पश्चात नवनियुक्त चिकित्सक शिक्षकों पर लागू करने तथा वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को डाइंग कैडर घोषित करने का अतार्किक निर्णय लिया।