ICMR Malaria Vaccine : ICMR ने वैक्सीन बनाने का लाइसेंस भारत में 5 कंपनियों को दिया है। AdfalciVax वैक्सीन से मलेरिया की रोकथाम में काफी मदद मिलेगी। जानिए कौन सी कंपनियां इस वैक्सीन को बना रही हैं।
Malaria Vaccine : आईसीएमआर ने अपनी नई मलेरिया वैक्सीन (Malaria Vaccine) एडफाल्सीवैक्स बनाने का लाइसेंस देश की पांच दवा कंपनियों को दिया है। अब इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स, टेकइनवेंशन लाइफकेयर, पैनेशिया बायोटेक, बायोलॉजिकल ई और जाइडस लाइफसाइंसेज जैसी कंपनियां इस वैक्सीन को बनाएगी।
हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंडिया मेडटेक एक्सपो 2025 में इसकी घोषणा की गई।
ICMR के भुवनेश्वर स्थित रिसर्च सेंटर ने भारत की पहली देसी मलेरिया वैक्सीन (Malaria Vaccine) एडफाल्सीवैक्स बनाई है। यह वैक्सीन खतरनाक परजीवी प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम से होने वाले मलेरिया को रोक सकती है और इसके फैलाव को भी कम कर सकती है।
ICMR ने कहा कि प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया फैलाने वाला सबसे घातक परजीवी है, इसे नियंत्रित करना मुश्किल है और यह दुनिया भर में लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।
आईसीएमआर ने इस वैक्सीन को देश में बड़े पैमाने पर इसे बनाने और लोगों तक पहुंचाने के लिए मुख्य रूप से 5 कंपनियों को लाइसेंस दिया है। ये कंपनियां हैं –
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड - Indian Immunologicals Limited
टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड - Techinvention Lifecare Private Limited
पैनासिया बायोटेक लिमिटेड - Panacea Biotec Limited
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड - Biological E Limited
जायडस लाइफसाइंसेज - Zydus Lifesciences
जुलाई में, आईसीएमआर ने कंपनियों और वैक्सीन बनाने वाली संस्थाओं को कहा था कि अगर वे मलेरिया की नई वैक्सीन एडफाल्सीवैक्स को बनाने और बेचने में दिलचस्पी रखते हैं तो वे आवेदन करें। यह वैक्सीन इंसानों को मलेरिया होने से बचा सकती है और बीमारी के फैलने को भी कम कर सकती है।
भारत में मलेरिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, साल 2022 में करीब 1 लाख 76 हजार केस मिले थे। 2023 में ये बढ़कर 2 लाख से भी ज्यादा हो गए और 2024 में ये संख्या ढाई लाख के पार चली गई। इस साल भी मलेरिया के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी बढ़ती समस्या को देखते हुए लोगों को उम्मीद है कि AdFalciVax वैक्सीन न सिर्फ इंसान को मलेरिया होने से बचाएगी, बल्कि मोहल्ले और समुदाय के स्तर पर भी इसके फैलाव को रोकने में मदद करेगी।