ज्यादातर महिलाएं आयरन की कमी से परेशान नजर आती है। महिलाओं में आयरन की कमी होने पर कई समस्याएं होने लगती है। आइए जानते हैं महिलाओं में आयरन की कमी (Iron Deficiency) के लक्षण क्या है।
Iron Deficiency : यदि आयरन की कमी को अनदेखा किया जाए, तो इसके कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आयरन एक महत्वपूर्ण खनिज है जो शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होता है। यह हमारे अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। महिलाओं के लिए आयरन (Iron Deficiency) का संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि मासिक धर्म, गर्भावस्था और प्रसव के समय आयरन की कमी का जोखिम बढ़ जाता है।
चक्कर और सिरदर्द की समस्या
जब शरीर में आयरन की कमी (Iron Deficiency) होती है तो दिमाग तक सही से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। यदि ऐसा होता है तो आपको सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्या होने लगती है।
बाल झड़ने की समस्या
यदि आपके बाल लंबे समय से झड़ रहे हैं तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है यदि आपके साथ ऐसा होता है यह आयरन की कमी के कारण हो सकता है।
थकान और कमजोरी रहना
जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं मिल पाती है जिसके कारण व्यक्ति लगातार थका हुआ महसूस करने लगता है।
त्वचा का पीला होना
जब शरीर में आयरन की कमी होने लगती है तो इससे त्वचा पीली होने लगती है साथ ही नाखून भी पीले होने लगते हैं।
सांस फूलने की समस्या
जब आप थोड़ा सा भी काम करते हैं तो इससे आपकी सांस फूलने लगे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह आयरन की कमी के संकेत हो सकते हैं।
दाल और फलियां
सफेद चने, सोयाबीन, मसूर की दाल और चना दाल जैसे खाद्य पदार्थ आयरन के उत्कृष्ट स्रोत माने जाते हैं। इनमें आयरन (Iron Deficiency) के साथ-साथ प्रोटीन भी मौजूद होता है, जो मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में सहायक होता है।
ड्राई फ्रूट्स
ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से शरीर को पर्याप्त आयरन प्राप्त होता है। इनमें स्वस्थ वसा, विटामिन, खनिज और फाइबर भी होते हैं, जो स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, केल, मेथी और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन की प्रचुरता होती है। इन सब्जियों को अपने आहार में शामिल करने से न केवल आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है, बल्कि विटामिन-ए की कमी को भी दूर करने में सहायता मिलेगी।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।