Nail Health Signs : नाखून सिर्फ सुंदरता नहीं, यह आपके शरीर की सेहत का आईना हैं। जानिए क्लबहिंग, सफेद धब्बे और नीले नाखून क्या संकेत देते हैं।
Nail Health Signs: हम अपने नाखूनों को पेंट करते हैं, काटते हैं, चिप करते हैं और पोलिश करते हैं, लेकिन सच कहें तो हम शायद ही कभी इनके बारे में ध्यान देते हैं। अक्सर इन्हें सिर्फ सुंदरता का हिस्सा या फैशन एक्सेसरी मान लिया जाता है, जबकि नाखून भी जिंदा होते हैं और शरीर के अंदर की हर छोटी-बड़ी बात से प्रभावित होते हैं। आपके नाखून आपके खाने-पीने की आदतों, जीवनशैली और शरीर के अंदर की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कई संकेत देते हैं।
नाखून मुख्य रूप से केराटिन नामक एक मजबूत प्रोटीन से बने होते हैं, जो उंगलियों और पैरों की नोक को चोट से बचाता है। नाखून का जो दिखाई देने वाला हिस्सा होता है, उसे नाखून प्लेट कहते हैं। इसके नीचे, आधे चांद जैसा दिखने वाला हिस्सा ल्यूनुला होता है, जो नाखून का ग्रोथ सेंटर है। यहां से नाखून की कोशिकाएं बनती हैं और धीरे-धीरे कठोर होकर प्लेट का रूप लेती हैं। इसके ऊपर क्यूटिकल होती है, जो मृत कोशिकाओं की एक परत होती है और यह बैक्टीरिया या फंगस के प्रवेश को रोकती है।
अगर नाखून का कोण बदल जाए और उंगलियों के सिर मोटे या बाहर निकले हुए दिखें, तो इसे क्लबिंग कहते हैं। यह अक्सर शरीर में लंबे समय से ऑक्सीजन की कमी का संकेत देता है। इसका संबंध फेफड़े की पुरानी बीमारियों, हृदय की समस्या, लीवर सिरोसिस या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से हो सकता है।
नाखून का आकार अचानक बदलकर गोल या खिंचाव में आ जाए, तो यह दिल या फेफड़ों की समस्या की ओर इशारा कर सकता है। अगर नाखूनों पर लंबी या गहरी रेखाएं दिखें, तो यह थायरॉयड, शुगर या शरीर में सूजन का संकेत हो सकता है।
अगर नाखून नीले या बैंगनी रंग के दिखाई दें, तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है। यह हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी या गंभीर स्वास्थ्य समस्या का इशारा हो सकता है। वहीं, नाखून के नीचे काले या भूरे रेखाएं कभी-कभी सबुंगुअल मेलानोमा यानी नाखून के नीचे का कैंसर भी हो सकता है।
स्वस्थ नाखून हल्के उत्तल (उपर की ओर मुड़े) होने चाहिए। अगर नाखून अंदर की तरफ मुड़कर पतले और भंवर जैसे दिखें, तो इसे कोइलोनिचिया (Spoon Nails) कहते हैं। यह अक्सर आयरन की कमी या एनीमिया से जुड़ा होता है। यदि नाखून पर क्षैतिज रेखाएं (Beau's lines) दिखाई दें, तो यह किसी गंभीर बीमारी या प्रोटीन की कमी, डायबिटीज या खराब रक्त संचार का संकेत हो सकता है।