New Cancer Drug: Northwestern University के वैज्ञानिकों ने कैंसर की पुरानी दवा को नया रूप देकर उसे 20,000 गुना अधिक असरदार बना दिया है बिना किसी साइड इफेक्ट के।
New Cancer Drug: कैंसर के इलाज में एक बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका की Northwestern University के वैज्ञानिकों ने एक पुरानी कीमोथेरैपी दवा को इस तरह से बदला है कि अब यह 20,000 गुना ज्यादा असरदार हो गई है, और सबसे खास बात, इससे कोई नुकसान या साइड इफेक्ट नहीं हुआ।
शोधकर्ताओं ने इस दवा की मॉलिक्युलर स्ट्रक्चर को पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने इसे एक नई तकनीक से Spherical Nucleic Acid (SNA) के रूप में तैयार किया, यानी उन्होंने इस दवा को डीएनए के छोटे-छोटे गोले (नैनो-स्ट्रक्चर) में लपेट दिया। इस बदलाव की वजह से दवा अब शरीर में आसानी से घुल जाती है और सीधे कैंसर सेल्स तक पहुंचती है, जिससे बाकी स्वस्थ सेल्स को नुकसान नहीं होता।
जब इस नई दवा को acute myeloid leukemia (AML) नामक एक खतरनाक ब्लड कैंसर पर टेस्ट किया गया, तो नतीजे चौंकाने वाले थे। यह दवा 12.5 गुना ज्यादा तेजी से कैंसर सेल्स में दाखिल हुई। साथ ही 20,000 गुना ज्यादा असरदार साबित हुई, और कैंसर की बढ़त को 59 गुना तक धीमा कर दिया। सबसे हैरानी की बात यह रही कि किसी भी जानवर में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया।
यह दवा असल में एक पुरानी कीमोथेरैपी मेडिसिन 5-fluorouracil (5-Fu) पर आधारित है। पुरानी दवा शरीर में ठीक से घुल नहीं पाती थी। यानी poor solubility की वजह से केवल 1% ही शरीर में असर दिखा पाती थी। इस वजह से इसे ज्यादा मात्रा में देना पड़ता था, जिससे थकान, उल्टी और दिल पर असर जैसे साइड इफेक्ट होते थे। लेकिन अब, SNA फॉर्म में यह दवा पानी में आसानी से घुल जाती है, शरीर इसे जल्दी अवशोषित करता है और सीधा कैंसर सेल्स को निशाना बनाती है।
नई SNA दवा में DNA की परतें होती हैं, जिन्हें शरीर की कैंसर कोशिकाएँ आसानी से पहचानकर अंदर खींच लेती हैं।
फिर शरीर के अंदर पहुंचते ही DNA परत टूटती है और अंदर का असली कैंसर-रोधी केमिकल रिलीज़ होकर सीधे कैंसर सेल को खत्म कर देता है।
शोधकर्ता अब इस दवा को बड़े जानवरों पर टेस्ट करेंगे और उसके बाद ह्यूमन ट्रायल्स (क्लीनिकल ट्रायल) शुरू करने की योजना बना रहे हैं। अगर ये रिजल्ट इंसानों पर भी वैसे ही रहे, तो ये कैंसर के इलाज में ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा। जहां इलाज असरदार भी होगा और शरीर को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा।
इस रिसर्च को लीड करने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर चाड मिरकिन (Chad A. Mirkin) ने कहा कि अगर यह तकनीक इंसानों में भी सफल रही, तो यह कैंसर के इलाज का नया युग होगा। ज्यादा असरदार इलाज, बेहतर रिज़ल्ट और बेहद कम साइड इफेक्ट। यही हमारा लक्ष्य है।