Symptoms of the new Covid variant NB.1.8.1 : मई 2025 में नया कोविड वेरिएंट NB.1.8.1, जो JN.1 का अगला रूप है, चीन से फैलकर अब अमेरिका पहुंच गया है। वैज्ञानिक इसकी संक्रामकता, गंभीरता और वैक्सीन प्रभाव पर शोध कर रहे हैं।
COVID 19 New Variant NB. 1.8.1 : मई 2025 में कोविड का एक नया वेरिएंट NB.1.8.1 दुनियाभर में चर्चा में है। यह ओमिक्रॉन के JN.1 वेरिएंट से ही निकला है। यानी, यह JN.1 का ही अगला रूप है। एशिया के कुछ हिस्सों में तेजी से फैलने के बाद, कोविड-19 का एक नया वेरिएंट NB.1.8.1 अब अमेरिका में भी फैल रहा है। वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या यह पहले से जयदा संक्रामक (तेजी से फैलने वाला) या गंभीर है, और क्या मौजूदा वैक्सीन इससे बचाव में पूरी तरह कारगर हैं। यह NB.1.8.1 वेरिएंट चीन में सबसे ज्यादा फैल रहा है, और अब अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के जरिए अमेरिका तक पहुंच रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 नाम के नए कोविड वेरिएंट को "वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग" (VUM) की लिस्ट में डाल दिया है। इसका मतलब है कि WHO इस पर कड़ी नज़र रख रहा है क्योंकि यह दुनिया भर में धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
WHO ने एक प्रेस रिलीज़ में बताया है कि NB.1.8.1, SARS-CoV-2 (जो कोविड-19 का वायरस है) का ही एक नया रूप है। यह XDV.1.5.1 नाम के पहले से मौजूद एक वेरिएंट से निकला है। इस नए वेरिएंट का सबसे पहला नमूना 22 जनवरी 2025 को लिया गया था।
आपको बता दें कि WHO कुल छह VUMs पर नजर रख रहा है, और NB.1.8.1 को 23 मई 2025 को इस लिस्ट में शामिल किया गया था। इसका मतलब है कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य अधिकारी इसकी चाल और प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
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NB.1.8.1 वेरिएंट के लक्षण काफी हद तक ओमिक्रॉन के पिछले वेरिएंट्स जैसे ही हैं। आमतौर पर दिखने वाले लक्षणों में शामिल हैं:
गले में खराश
थकान
हल्की खांसी
बुखार
मांसपेशियों में दर्द
नाक बंद होना (कंजेशन)
कुछ मामलों में लोगों को लगातार हल्का बुखार (लो-ग्रेड हाइपरथर्मिया) भी हुआ है। यह सामान्य बुखार से थोड़ा अलग होता है, जहां शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर रहता है क्योंकि शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता। इसके अलावा कुछ लोगों को सिरदर्द, जी मिचलाना, भूख न लगना और पेट से जुड़ी दिक्कतें भी महसूस हुई हैं।
NB.1.8.1 कुछ पुराने वेरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलता हुआ दिख रहा है। शुरुआती डेटा से पता चलता है कि यह वेरिएंट इंसानी कोशिकाओं से बेहतर तरीके से जुड़ पाता है, जिसकी वजह से संक्रमण की दर बढ़ सकती है।
यह वेरिएंट अमेरिका के बड़े हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों में पाया गया है, जिनमें कैलिफ़ोर्निया, वॉशिंगटन, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों के हवाई अड्डे शामिल हैं। इसका फैलना इस बात पर ज़ोर देता है कि हमें लगातार निगरानी रखनी चाहिए और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े उपायों का पालन करते रहना चाहिए।
भारत में अभी कोविड-19 के मामलों में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसकी मुख्य वजह ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स, खासकर JN.1 हैं।
जब कोई संक्रमण स्थानिक (यानी, एक खास क्षेत्र में लगातार मौजूद रहने वाला) हो जाता है, तो समय-समय पर मामलों में उछाल आना आम बात है। अभी तक जो संख्याएं सामने आई हैं, वे बहुत चिंताजनक नहीं हैं।
कम होती इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता)
टीकाकरण की कम दर
अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं में बढ़ोतरी
नए वेरिएंट्स का उभरना
अभी तक ज़्यादातर संक्रमण हल्के ही हैं, जिनके लक्षणों में बुखार, गले में खराश और थकान शामिल हैं। तुरंत घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना बेहतर है, खासकर बुजुर्गों, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, और पुरानी बीमारियों जैसे किडनी की बीमारी, मधुमेह (डायबिटीज), सीओपीडी (COPD) आदि से पीड़ित लोगों के लिए।
सरकार ने सलाह दी है कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, कमजोर इम्युनिटी वाले लोग और पहले से बीमार लोग भीड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें। इसके अलावा सभी नागरिकों को हाथों की साफ-सफाई बनाए रखने और नियमित रूप से हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा गया है। यह सलाह बढ़ते मामलों के बीच सावधानी बरतने और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी की गई है।
दिल्ली में कोविड-19 के 23 नए मामले सामने आने के बाद दिल्ली सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने सभी अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने को कहा है।