Heart Disease Breakthrough: नई जीन एडिटिंग तकनीक से अब सिर्फ एक इलाज में खराब कोलेस्ट्रॉल 50% तक घटाया जा सकता है। जानिए कैसे CRISPR दिल की बीमारियों में लाएगा नई उम्मीद।
Heart Disease Breakthrough: यह सच है कि दिल की बीमारी (Heart Disease) आज भी दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है, लेकिन अब विज्ञान ने इसमें एक नई उम्मीद जगाई है। अब ऐसा समय आ सकता है जब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए रोजाना दवाइयां या सख्त डाइट की जरूरत न पड़े। हाल ही में The New England Journal of Medicine में छपे एक रिसर्च में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने CRISPR नाम की जीन-एडिटिंग तकनीक से इंसानों में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी LDL और ट्राइग्लिसराइड्स को सिर्फ एक ही ट्रीटमेंट में 50% तक कम करने में सफलता पाई है।
वैज्ञानिकों ने एक छोटे से ट्रायल में ऐसे लोगों पर यह तकनीक आजमाई, जिनका कोलेस्ट्रॉल दवाइयों के बावजूद कम नहीं हो रहा था। इस तकनीक से लीवर (यकृत) के एक जीन ANGPTL3 को बंद कर दिया गया। वही जीन जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। नतीजा यह हुआ कि मरीजों का कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों लगभग आधे हो गए। इसका मतलब है कि भविष्य में एक बार का जीन एडिट करने से ही लोगों को रोज की दवाओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हालांकि अभी ये रिसर्च शुरुआती चरण में है, इसलिए लंबे समय तक इसकी सुरक्षा पर नजर रखनी होगी।
भले ही अभी ये तकनीक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन इससे एक बात साफ है। दिल की सेहत सिर्फ दवाओं पर नहीं, आदतों पर भी निर्भर करती है। रोज की आदतें अभी भी जरूरी हैं। जीन एडिटिंग भविष्य की बात है, लेकिन संतुलित खानपान, चलना-फिरना और तनाव को कंट्रोल करना आज भी सबसे कारगर उपाय हैं। कोलेस्ट्रॉल सिर्फ एक लैब रिपोर्ट नहीं है। इसके पीछे आपकी जेनेटिक और जीवनशैली की कहानी भी जुड़ी होती है। एक बार का इलाज संभव हो सकता है, लेकिन आज की हेल्दी आदतें आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा हैं।
रोज 30 मिनट टहलने से दिल, दिमाग और मूड तीनों बेहतर होते हैं। साबुत अनाज, दालें, सब्जियां और दही जैसी चीज़ें दिल और पाचन दोनों को संतुलित रखती हैं। नींद की कमी और तनाव, दोनों से सूजन और ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हर 6 महीने में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और BMI की जांच जरूरी है। जीन एडिटिंग भविष्य में आएगी, लेकिन आज की आदतें ही आपकी सबसे बड़ी दवा हैं।