वैज्ञानिकों ने दिमाग की चोट के इलाज में बड़ी खोज की है। एक छोटे पेप्टाइड (सीएक्यूके) की पहचान की गई है, जो खून के जरिए दिमाग की घायल जगह तक पहुंचता है।
वैज्ञानिकों ने दिमाग की चोट के इलाज से जुड़ी एक बड़ी खोज की है। शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक बहुत छोटे पेप्टाइड (छोटा प्रोटीन का टुकड़ा) की पहचान की है, जो खून के जरिए शरीर में घूमकर सीधे दिमाग की घायल जगह तक पहुंच जाता है।
यह खोज खास इसलिए है क्योंकि अब तक दिमाग की गंभीर चोट के लिए कोई ऐसी दवा नहीं थी, जो बिना सर्जरी के सीधे नुकसान को कम कर सके। इस अध्ययन में जिस पदार्थ पर काम किया गया, उसका नाम सीएक्यूके है।
यह केवल चार अमीनो एसिड से बना एक छोटा पेप्टाइड है। वैज्ञानिकों ने इसे चूहों और सूअरों पर आजमाया, जिनके दिमाग में जानबूझकर चोट पहुंचाई गई थी।
चोट लगने के थोड़ी देर बाद सीएक्यूके को जानवरों के शरीर में नस के जरिए दिया गया। यह पेप्टाइड अपने आप दिमाग के उस हिस्से में जमा हो गया, जहां चोट लगी थी।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चोट के बाद दिमाग में एक खास प्रकार का प्रोटीन ज्यादा बनने लगता है और सीएक्यूके उसी प्रोटीन की ओर आकर्षित होता है।
जहां यह पेप्टाइड जमा हुआ, वहां सूजन कम हुई, दिमाग की कोशिकाओं की मौत घटी और कुल मिलाकर दिमाग को होने वाला नुकसान कम हो गया।
यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं है जो सीधे दिमाग की कोशिकाओं को मरने से रोक सके या सूजन को कम कर सके।
कुछ प्रयोगात्मक इलाजों में सीधे दिमाग में इंजेक्शन देना पड़ता है, जो जोखिम भरा होता है। सीएक्यूके इस मायने में खास है कि यह बिना सर्जरी, सिर्फ नस के इंजेक्शन से असर दिखाता है।