Sunjay Kapur's Death Ruled Natural : ब्रिटिश चिकित्सा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कारोबारी संजय कपूर की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। उनकी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को लिखे एक पत्र में सरे कोरोनर कार्यालय ने कहा कि उनकी मृत्यु बाएं निलय अतिवृद्धि (LVH) और इस्केमिक हार्ट रोग के कारण हुई थी।
ब्रिटिश चिकित्सा अधिकारियों ने रविवार को उनकी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को लिखे एक पत्र में कहा कि व्यवसायी संजय कपूर की पिछले महीने लंदन में पोलो खेलते समय मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई। आपको बता दें कि संजय कपूर की मौत के बड्ड 30,000 करोड़ रुपये के सोना समूह पर नियंत्रण के लिए सास बनाम बहू की लड़ाई छिड़ गई थी।
सरे कोरोनर कार्यालय ने कहा कि जांच से पता चला है कि उनकी (संजय कपूर की) मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई और उन्होंने मृत्यु के कारणों के रूप में बाएं निलय अतिवृद्धि और इस्केमिक हार्ट रोग को सूचीबद्ध किया।
पूर्व या LVH एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय के बाएं निलय की मांसपेशियों की दीवार मोटी हो जाती है जिससे रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करना मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति अक्सर तब विकसित होती है जब हार्ट सामान्य से अधिक काम कर रहा होता है या उच्च रक्तचाप के कारण होता है।
इस्केमिक हार्ट रोग जिसे कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease) भी कहते हैं एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। यह आमतौर पर तब होता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियां संकीर्ण या अवरुद्ध हो जाती हैं।
कारण
इस्केमिक हार्ट रोग का सबसे आम कारण एथेरोस्क्लेरोसिस है। इसमें धमनियों की दीवारों पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमाव हो जाता है, जिसे प्लाक कहा जाता है।
बाद वाले मामले में जिसे कोरोनरी धमनी रोग भी कहा जाता है। हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है जोकि आमतौर पर संकरी धमनियों के कारण होता है । इसका सबसे आम कारण एथेरोस्क्लेरोसिस है यानी धमनी की दीवार में और उस पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमाव।
कोरोनर कार्यालय ने कहा, इसके मद्देनजर कोरोनर्स एंड जस्टिस एक्ट 2009 की धारा 4 के तहत अब जांच बंद कर दी गई है… अब किसी जांच की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रिया कपूर के करीबी सूत्रों ने बताया कि इससे साबित होता है कि कोई गड़बड़ी' नहीं हुई थी और यह रिपोर्ट कुछ दिन पहले श्री कपूर की मां रानी कपूर के साथ भी साझा की गई थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि उनके बाद में किये गए दावे कि उनकी हत्या एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत गई थी एक हैरान करने वाली बात हैं।
पिछले हफ्ते रानी कपूर ने सरे पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि उनके पास विश्वसनीय सबूत हैं… जो बताते हैं कि उनकी मौत आकस्मिक या स्वाभाविक नहीं बल्कि इसमें गड़बड़ी के कारण हो सकती है।
उन्होंने उन रिकॉर्डों का जिक्र किया जो जालसाजी, संदिग्ध संपत्ति हस्तांतरण और कानूनी दस्तावेजों और उन लोगों (प्रिया कपूर) के बीच मिलीभगत के संकेत देते हैं जिन्हें उनकी मौत से आर्थिक लाभ हुआ था।
सुश्री कपूर ने लिखा था उनकी मौत को किसी अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत अंजाम दिया गया हो सकता है जिसमें ब्रिटेन, भारत और शायद अमेरिका के लोग और संस्थाएं शामिल हों।
यह पत्र तेजी से सार्वजनिक होते ही पारिवारिक मामले में नया मोड़ आ गया जिसकी शुरुआत सोना कॉमस्टार के बोर्ड को उनके ईमेल से हुई थी जिसमें उन्होंने वार्षिक आम बैठक स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने खुद को 'सोना समूह', जिसमें सोना कॉमस्टार और सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड शामिल है का बड़ा शेयरधार' बताया और आरोप लगाया कि उनके निधन पर शोक जताते हुए उन्हें दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। बेटा।
उन्होंने कुछ लोगों (जैसे प्रिया सचदेव कपूर) को नियुक्त करने के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि परिवार की ओर से बोलने का उनका दावा मेरे द्वारा दबाव में तैयार किए गए दस्तावेजों पर आधारित था।
उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी जानकारी है जो कंपनी के मामलों में घोर अनियमितताओं को उजागर करती है।
कुछ घंटों बाद कंपनी ने जवाब दिया। एक मार्केट फाइलिंग में सोना बीएलडब्ल्यू ने कहा कि सुश्री कपूर 2019 शेयरधारक नहीं हैं। कंपनी ने कहा कि मई 2019 में महत्वपूर्ण लाभकारी स्वामित्व की घोषणा में संजय कपूर को एकमात्र लाभकारी बताया गया था।
और बंद दरवाजों के पीछे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किए जाने के उनके दावे पर बोर्ड ने कहा कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद से उनसे कोई दस्तावेज हस्ताक्षरित या प्राप्त नहीं किया गया था।
पिछले महीने रानी कपूर ने उनके निधन के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बात की। उन्होंने कहा, मुझे अभी भी नहीं पता कि मेरे बेटे के साथ क्या हुआ… मैं अब बूढ़ी हो गई हूं। जाने से पहले मुझे इस सच्चाई का समाधान चाहिए…"