Swelling in Feet: पैरों में सूजन सिर्फ थकान नहीं, कई बीमारियों का लक्षण हो सकती है। जानिए इसके कारण, संभावित रोग और घर बैठे राहत के आसान उपाय।
Swelling in Feet: क्या आपके पैरों में भी अक्सर सूजन आ जाती है? क्या जूते अचानक टाइट लगने लगते हैं या टखनों में भारीपन महसूस होता है? अगर हां, तो इसे सिर्फ थकान या लंबे दिन की वजह मत मानिए। पैरों में सूजन कई बार शरीर के अंदर चल रही गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है।
पैरों में सूजन केवल बाहरी वजहों से नहीं होती, बल्कि यह कई अंदरूनी बीमारियों का शुरुआती लक्षण भी हो सकती है।
हृदय संबंधी रोग (Heart Disease) – जब दिल खून को सही तरह से पंप नहीं कर पाता, तो फ्लूइड शरीर के निचले हिस्सों में जमा होने लगता है, जिससे पैरों में सूजन आती है।
किडनी की खराबी (Kidney Disease) – किडनी अगर शरीर से अतिरिक्त पानी और वेस्ट नहीं निकाल पाती, तो वही द्रव पैरों और टखनों में इकट्ठा हो जाता है।
लीवर की समस्या (Liver Disease) – लीवर कमजोर होने पर शरीर में प्रोटीन की कमी होती है, जिससे पानी पैरों में जमा होकर सूजन पैदा करता है।
थायरॉइड की गड़बड़ी (Hypothyroidism) – जब थायरॉइड हार्मोन कम बनता है, तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर में पानी रुक जाता है।
डीवीटी (Deep Vein Thrombosis) – यह गंभीर स्थिति होती है जिसमें नसों में खून का थक्का बन जाता है, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है।
गर्भावस्था (Pregnancy) – हार्मोनल बदलाव और शरीर में फ्लूइड बढ़ने से गर्भवती महिलाओं के पैरों में सूजन आम होती है।
लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। चोट या मोच लगना, जो शरीर की नेचुरल हीलिंग प्रक्रिया का हिस्सा है। ज्यादा नमक का सेवन, जो शरीर में पानी रोकता है। अधिक वजन या कम शारीरिक गतिविधि भी सूजन को बढ़ा सकते हैं।
अगर सूजन किसी गंभीर बीमारी से नहीं है, तो कुछ घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है। पैरों को ऊंचाई पर रखें, सोते समय पैरों के नीचे तकिया रखकर उन्हें दिल की ऊंचाई से ऊपर रखें। नमक का सेवन कम करें। ज्यादा नमक शरीर में पानी रोकता है, जिससे सूजन बढ़ती है।
सूजन वाली जगह पर 10-15 मिनट तक बर्फ की सिकाई करें। हल्की एक्सरसाइज या योग करें। ताड़ासन, वज्रासन और पैरों को हिलाने जैसी क्रियाएं ब्लड फ्लो बेहतर करती हैं। गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर पैर डुबोने से सूजन और थकान दोनों दूर होते हैं। हाइड्रेटेड रहने से शरीर अतिरिक्त फ्लूइड नहीं रोकता। अगर सूजन के साथ दर्द, लालिमा या सांस फूलने जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।