Bad breath ; मुंह की बदबू हमें कब शर्मिंदगी महसूस करा दे पता ही नहीं चलता है। इसलिए हमें इसे दूर करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स अपनानी चाहिए।
Ayurvedic tips to get rid of bad breath : अक्सर लोग मुंह की बदबू को भगाने के लिए कई तरह के नुस्खे अपनाते नजर आते हैं। कोई इसके लिए माउथ स्प्रे उपयोग करता है तो कई चिंगम का सहारा लेते हैं। लेकिन फिर भी मुंह की बदबू नहीं जा पाती है। कई बार लोगों के मुंह से अत्यधिक दुर्गंध आती है और उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती।
जब कोई उन्हें बताता है कि उनके मुंह से बदबू आ रही है, तो वे शर्मिंदगी महसूस करते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए यह आवश्यक है कि आप मौखिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। आयुर्वेद के अनुसार, कब्ज और पेट की सफाई न होने के कारण मुंह से दुर्गंध उत्पन्न होती है।
इलायची का पानी
एक गिलास पानी में मुट्ठी भर अमरूद के पत्ते या एक इलायची डालकर इसे उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। फिर इस पानी से दिन में दो बार गरारे करें। यह उपाय मसूड़ों की सूजन और स्टोमेटाइटिस को कम करने में सहायक है, जो सांसों की बदबू का कारण भी बन सकते हैं।
खाने के बाद मुंह का सही से साफ करें
कई लोग भोजन के बाद अपने मुंह को सही तरीके से साफ नहीं करते, जिससे मुंह से बदबू आती है। वास्तव में, मुंह धोने से खाने के सभी अवशेष हट जाते हैं और यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को भी रोकता है। इसके अलावा, रात में सोने से पहले ब्रश करना आवश्यक है।
ऑयल पुलिंग
आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग को गुंडुशा या कवला के नाम से जाना जाता है। यह प्रक्रिया मुंह में तेल को घुमाने की होती है, जो दांतों और मसूड़ों से बैक्टीरिया को निकालने में सहायक होती है। यह मुंह के छालों को कम करने में भी मदद करती है। इसके अलावा, यह मुंह की मांसपेशियों को व्यायाम देकर उन्हें मजबूत और टोंड बनाती है। यह दांतों की सड़न को रोकने, सांसों की दुर्गंध को कम करने और दांतों तथा मसूड़ों के ऊतकों को मजबूत करने में भी सहायक है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीए
अपने मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और पेट के स्वास्थ्य का ध्यान रखने का सबसे सरल और किफायती तरीका है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। यह भोजन के अवशेषों और बैक्टीरिया को धोने में सहायक होता है, जो बदबूदार सांसों का प्रमुख कारण बनते हैं।