स्वास्थ्य

चौंकाने वाला खुलासा: कोरोना काल में 75% मरीजों को बेकार में दिए गए एंटिबायोटिक्स!, सुपरबग का खतरा बढ़ा

वॉशिंगटन. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा अध्ययन में पता चला है कि कोरोना महामारी (Corona epidemic) के दौरान दिए गए एंटिबायोटिक्स (antibiotics) ने सुपरबग यानी एंटिबाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) को और ज्यादा फैला दिया। एएमआर एक तरह की प्रतिकूल क्षमता है, जो अत्यधिक एंटिबायोटिक्स शरीर में जाने से पैदा होती है। इससे शरीर पर दवाओं, खासकर एंटिबायोटिक्स (antibiotics) का असर कम हो जाता है।

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May 07, 2024
Unnecessary antibiotics given to 75% of COVID-19 patients during covid-19 pandemic

वॉशिंगटन. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा अध्ययन में पता चला है कि कोरोना महामारी (Corona epidemic) के दौरान दिए गए एंटिबायोटिक्स (Antibiotics) ने सुपरबग यानी एंटिबाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) को और ज्यादा फैला दिया। एएमआर एक तरह की प्रतिकूल क्षमता है, जो अत्यधिक एंटिबायोटिक्स शरीर में जाने से पैदा होती है। इससे शरीर पर दवाओं, खासकर एंटिबायोटिक्स (antibiotics) का असर कम हो जाता है।

75 फीसदी मरीजों को अनावश्क दिए एंटिबायोटिक्स

डब्ल्यूएचओ की अध्ययन रिपोर्ट जनवरी 2020 से मार्च 2023 के बीच 65 देशों में कोविड (Covid) के कारण भर्ती करीब साढ़े चार लाख मरीजों के डेटा पर आधारित है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनियाभर में कोविड महामारी (Covid epidemic) के कारण जितने लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनमें सिर्फ आठ फीसदी को बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial infection) हुआ था। उन्हें ही एंटिबायोटिक्स की जरूरत थी, लेकिन अतिरिक्त सावधानी के नाम पर करीब 75 फीसदी मरीजों को एंटिबायोटिक (Antibiotics) दवाएं दे दी गईं। सबसे ज्यादा एंटिबायोटिक (Antibiotics) दवाएं 81 फीसदी उन मरीजों को दी गईं, जिनमें कोविड के लक्षण बहुत तीव्र थे। मध्यम से कम तीव्रता वाले कोविड लक्षणों के मरीजों को भी एंटिबायोटिक (Antibiotics) दवाएं दी गईं।

Unnecessary antibiotics given to 75% of COVID-19 patients during covid-19 pandemic

गैर-जरूरी दवाएं लेने के खतरे ज्यादा

यूएन के स्वास्थ्य संगठन के एएमआर प्रभाग में सर्विलांस, एविडेंस एंड लैबोरेट्री यूनिट के प्रमुख डॉ. सिल्विया बरटैग्नोलियो का कहना है कि खतरों या साइड इफेक्ट्स के मुकाबले किसी मरीज में एंटिबायोटिक्स (Antibiotics) के फायदे ज्यादा होते हैं, लेकिन जरूरत नहीं होने पर एंटिबायोटिक्स (Antibiotics) दिए जाएं तो फायदे के मुकाबले खतरे ज्यादा होते हैं। इनका गैर-जरूरी इस्तेमाल एएमआर का प्रसार बढ़ा देता है।

2019 में गई 12.7 लाख लोगों की जान

सुपरबग (एंटिबायोटिक दवाओं का शरीर पर असर खत्म हो जाना) वैश्विक स्तर पर सेहत के लिए बड़े खतरों में से एक माना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक 2019 में इससे 12.7 लाख लोगों की जान गई। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक यह खतरा इतना बड़ा हो जाएगा कि हर साल करीब एक करोड़ लोगों की मौत हो सकती है, क्योंकि उन पर एंटिबायोटिक दवाएं असर नहीं करेंगी।

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