Vitamin D and Ageing: हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की नई स्टडी में पता चला है कि विटामिन D हमारी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। यह अध्ययन बताता है कि विटामिन D हमारे शरीर के अंदर मौजूद डीएनए के टेलोमीयर को सुरक्षित रखता है जो उम्र बढ़ने की जैविक घड़ी के रूप में काम करते हैं। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में और कैसे विटामिन D आपकी सेहत और उम्र पर असर डाल सकता है।
Vitamin D and Ageing: हर कोई चाहता है कि वो ज्यादा समय तक जवान और सेहतमंद दिखे। अब एक नई रिसर्च से ये बात सामने आई है कि विटामिन D आपकी उम्र की रफ्तार को थोड़ा थाम सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्टडी में पाया गया है कि विटामिन D शरीर के अंदर उस सिस्टम पर असर डालता है जो तय करता है कि बुढ़ापा कितनी जल्दी आएगा।
अगर शरीर विटामिन D की सही मात्रा बनी रहे तो उम्र के असर धीरे-धीरे दिखते हैं और आप लंबे वक्त तक एक्टिव और फिट रह सकते हैं। आइए जानते हैं, इस नई स्टडी में क्या कुछ सामने आया है।
हमारे शरीर के डीएनए में मौजूद टेलोमीयर एक तरह की सुरक्षा परत होते हैं जो हमारे गुणसूत्रों के सिरों पर होते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है। ये टेलोमीयर धीरे-धीरे छोटे होते जाते हैं। जब ये बहुत छोटे हो जाते हैं तो शरीर में बुढ़ापा दिखने लगता है और हृदय रोग, डायबिटीज और इम्युनिटी में गिरावट जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इसलिए टेलोमीयर को उम्र का जैविक संकेतक माना जाता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि विटामिन D की नियमित खुराक टेलोमीयर को तेजी से छोटा होने से बचा सकती है। इस शोध में पाया गया कि विटामिन डी लेने से उम्र की प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो सकती है। विटामिन D एक सामान्य लेकिन जरूरी पोषक तत्व है जो हड्डियों के साथ-साथ शरीर की अन्य गतिविधियों में भी अहम भूमिका निभाता है।
यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुआ है। इसमें 55 साल से ऊपर की महिलाओं और 50 साल से ऊपर के पुरुषों पर पांच साल तक रिसर्च की गई। शोध में जिन लोगों को विटामिन D3 और ओमेगा-3 फैटी एसिड दिए गए। उनमें टेलोमीयर की लंबाई बेहतर बनी रही और उम्र से जुड़ी परेशानियां कम दिखीं। जिन लोगों ने नियमित रूप से विटामिन D3 सप्लीमेंट लिया उनमें चार साल बाद उम्र का असर कम नजर आया।