Skin Cancer : कैंसर तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने और फैलने लगती हैं। यह किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। त्वचा कैंसर सबसे सामान्य प्रकार है, जो अधिकतर धूप में रहने, बार-बार सनबर्न होने और कुछ आनुवंशिक कारणों से होता है। यह केवल बाहरी त्वचा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अन्य अंगों पर भी इसका असर पड़ सकता है। त्वचा कैंसर के लक्षण कान, आं
Skin Cancer : कैंसर तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने और फैलने लगती हैं। यह किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। त्वचा कैंसर सबसे सामान्य प्रकार है, जो अधिकतर धूप में रहने, बार-बार सनबर्न होने और कुछ आनुवंशिक कारणों से होता है। यह केवल बाहरी त्वचा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अन्य अंगों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
त्वचा कैंसर के लक्षण कान, आंखों और पैरों पर भी दिखाई दे सकते हैं। इस कैंसर का एक प्रमुख लक्षण गांठ होती है, जो छोटी, लाल या भूरे रंग की हो सकती है। कई बार कैंसर का पता लगाने में देर हो जाती है, जिससे उपचार कठिन हो जाता है। इसलिए इसके चेतावनी संकेतों को पहचानना अत्यंत आवश्यक है।
मेलेनोमा त्वचा कैंसर (Skin cancer) का सबसे गंभीर प्रकार है, जो मेलेनोसाइट्स नामक रंगद्रव्य बनाने वाली कोशिकाओं में उत्पन्न होता है। यह कैंसर तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिससे यह जानलेवा बन जाता है। यूके कैंसर रिसर्च के अनुसार, इस बीमारी के कारण हर साल लगभग 2,340 लोगों की मृत्यु होती है। हर वर्ष लगभग 16,000 लोग मेलेनोमा से प्रभावित होते हैं। यह कैंसर मुख्यतः उन क्षेत्रों में होता है जो सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आते हैं, जैसे चेहरा, गर्दन और हाथ। इसके अलावा, यह उन स्थानों पर भी विकसित हो सकता है जहां धूप नहीं पहुंचती, जैसे कि पैर। इसलिए, इस समस्या को नजरअंदाज करना अत्यंत खतरनाक हो सकता है।
स्किन कैंसर के लक्षणों की बात कि जाए तो इसमें त्वचा पर अचानक तिल जैसे काले धब्बे दिखाई पड़ने लगते हैं साथ ही पुराने तिल या त्वचा लहसुन का आकार, रंग या बनावट में बदलाव होने लगता है जिसमें तिल या मसा नुमा निशान से लगातार पपड़ी उतरना, त्वचा पर जलन या खूजली महसूस होना
खून निकलना या नया घाव होना, खुजली या दर्द महसूस होना आदि शामिल है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।