स्वास्थ्य

Blood Group High Stroke Risk : इस ब्लड ग्रुप के लोगों में स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा?

Blood Group and Stroke Link : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल डेढ़ करोड़ लोग स्ट्रोक (लकवा) के शिकार होते हैं। अब नए शोध बताते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप भी कम उम्र में स्ट्रोक के खतरे को प्रभावित कर सकता है। यह एक वैज्ञानिक खुलासा है जो आपके खून में छिपे स्वास्थ्य के राज खोलता है।

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Jul 07, 2025
Blood Group Stroke Risk : इस ब्लड ग्रुप के लोगों में स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा? (फोटो सोर्स : Freepik)

Blood Group High Stroke Risk : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल दुनिया में करीब डेढ़ करोड़ लोग लकवे (स्ट्रोक) का शिकार होते हैं? सोचिए इनमें से 50 लाख लोग तो अपनी जान गंवा देते हैं और 50 लाख ऐसे होते हैं जो हमेशा के लिए अपाहिज हो जाते हैं। स्ट्रोक कितना खतरनाक हो सकता है, ये तो आप समझ ही गए होंगे। ये सिर्फ जान नहीं लेता, बल्कि जिंदगी पूरी तरह बदल देता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि आपके शरीर में बहता खून सिर्फ जीवन देने वाला तरल ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य से जुड़े कई गहरे राज भी समेटे हुए है? हाल ही में हुए एक बड़े खुलासे ने सबको चौंका दिया है। एक नए शोध से पता चला है कि आपका ब्लड ग्रुप भी कम उम्र में होने वाले 'लकवे' यानी स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा या घटा सकता है। यह सिर्फ एक अनुमान नहीं बल्कि वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित एक नई जानकारी है।

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कौन सा ब्लड ग्रुप है सबसे ज्यादा खतरे में? (Which Blood Group has High Stroke Risk)

इस शोध के नतीजे बताते हैं कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'A' होता है उन्हें 60 साल की उम्र से पहले स्ट्रोक होने की संभावना 16% तक ज्यादा होती है। वहीं दुनिया में सबसे आम ब्लड ग्रुप 'O' वाले लोगों के लिए खुशखबरी है उनमें स्ट्रोक का खतरा 12% तक कम पाया गया है। ब्लड ग्रुप 'B' और 'AB' वालों में भी स्ट्रोक का खतरा हो सकता है लेकिन इसकी संभावना भी थोड़ी कम है। कुछ आबादी में 'AB' ब्लड ग्रुप को सबसे ज्यादा जोखिम वाला भी पाया गया है।

ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक का रिश्ता क्या है? (Blood Group and Brain Stroke Link)

वैज्ञानिकों का मानना है कि 'A' ब्लड ग्रुप (Blood group A Stroke Risk) वाले लोगों में खून को गाढ़ा करने वाले कुछ प्रोटीन जैसे वॉन विलेब्रांड फैक्टर और फैक्टर VIII, का स्तर थोड़ा ज्यादा होता है। यही वो कारक हैं जो खून के थक्के (Blood Clots) बनने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं। ये थक्के दिमाग तक खून के प्रवाह को रोककर इस्कीमिक स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं जो कि सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक है (लगभग 87% मामले इस्कीमिक स्ट्रोक के होते हैं)।

दरअसल हमारा ब्लड ग्रुप लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर मौजूद कुछ खास रासायनिक पदार्थों जिन्हें एंटीजन कहते हैं से निर्धारित होता है। इन एंटीजन की बनावट में मामूली आनुवंशिक भिन्नताएं भी हमारे स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। ABO जीन का संबंध कम उम्र में होने वाले स्ट्रोक से पाया जाना इस बात को और पुख्ता करता है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह जानकारी?

हर साल दुनिया भर में करीब 1.5 करोड़ लोग स्ट्रोक का शिकार होते हैं। इनमें से 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और इतने ही लोग स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है और इसके परिणाम बेहद विनाशकारी होते हैं। ऐसे में यदि हम कम उम्र में ही स्ट्रोक के जोखिम को समझ सकें तो यह इसकी रोकथाम और बचाव के लिए बेहद अहम कदम साबित हो सकता है।

मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (UMSOM) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस मेटा-एनालिसिस जिसे 'न्यूरोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित किया गया है, से यह स्पष्ट होता है कि आपका ब्लड ग्रुप युवा वयस्कों में स्ट्रोक की भविष्यवाणी और रोकथाम के लिए नए रास्ते खोल सकता है।

घबराएं नहीं समझें

यह समझना जरूरी है कि आपका ब्लड ग्रुप सिर्फ एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण संकेतक है। इसका मतलब यह नहीं है कि 'A' ब्लड ग्रुप वाले हर व्यक्ति को स्ट्रोक होगा ही। यह केवल जोखिम को थोड़ा बढ़ाता है। इसी तरह, 'O' ब्लड ग्रुप वाले पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। यह सिर्फ एक सांख्यिकीय संबंध है कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं।

क्या करें?

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि घबराएं नहीं। अपने ब्लड ग्रुप को जानने के बाद आप स्वस्थ लाइफ स्टाइल अपनाकर इस जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, धूम्रपान और शराब से दूरी, और तनाव प्रबंधन शामिल हैं। यदि आपके परिवार में स्ट्रोक का इतिहास रहा है या आप अपने जोखिम को लेकर चिंतित हैं, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

यह शोध हमें अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझने और भविष्य में होने वाली बीमारियों से खुद को बचाने में मदद करता है। जागरूक रहें, स्वस्थ रहें!

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