स्वास्थ्य

Heart Palpitations : धड़कनें तेज क्यों होती हैं? जानिए कब हो सकता है खतरनाक

Heart Palpitations: कभी दिल की धड़कन इतनी तेज होने लगती है जैसे सीने से बाहर आ जाएगी? इसे ही हार्ट पल्पिटेशन कहते हैं। ज्यादातर मामलों में ये नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन अगर बार-बार हो या साथ में चक्कर, सीने में दर्द या सांस फूलना हो तो यह किसी बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत भी हो सकता है।

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Jul 09, 2025
Heart Palpitations : धड़कनें तेज क्यों होती हैं? जानिए कब हो सकता है खतरनाक (फोटो सोर्स : Freepik)

Heart Palpitations : क्या आपको कभी ऐसा लगा जैसे दिल धक-धक करके बाहर ही आ जाएगा? या फिर ऐसा महसूस हुआ कि दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है जैसे फड़फड़ा रहा हो? इसे ही हार्ट पल्पिटेशन (Heart Palpitations) कहा जाता है। ज्यादातर समय ये डराने वाला तो होता है लेकिन उतना खतरनाक नहीं। पर कभी-कभी ये किसी बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम की तरफ इशारा भी कर सकता है। चलिए इसे अच्छे से समझते हैं।

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पहले ये जानें : ये होता क्या है? (Heart Palpitations)

जब आपका दिल अचानक तेज-तेज धड़कने लगे, जोर से धड़के या ऐसा लगे कि कुछ धड़कनें मिस हो रही हैं तो उसे पल्पिटेशन कहा जाता है।
ये फीलिंग छाती में गले में या गर्दन तक महसूस हो सकती है। ये कभी वर्कआउट करते हुए, दौड़ते हुए, और कभी आराम करते हुए भी हो सकता है।

क्यों होता है ऐसा?

टेंशन या डर: अगर आप ज्यादा टेंशन में हैं अचानक डर गए या पैनिक अटैक आया तो दिल की धड़कनें (Heart Palpitations तेज हो सकती हैं।

तेज एक्सरसाइज: भारी कसरत या दौड़ने के बाद ये आम बात है।

चाय-कॉफी ज्यादा पी ली? एनर्जी ड्रिंक, धूम्रपान, तंबाकू, कुछ दवाइयां या नशे वाली चीजें (जैसे कोकीन) भी दिल की रफ्तार बढ़ा देती हैं।

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव: प्रेग्नेंसी, पीरियड्स या मेनोपॉज में भी ये हो सकता है।

नींद कम या पानी की कमी: बॉडी डिहाइड्रेट हो जाए, नींद पूरी ना हो, या शरीर में जरूरी मिनरल्स की कमी हो तो भी दिल यूं तेज धड़कने लगता है।

अब बात करते हैं कब हो सकता है ये खतरे का सिग्नल?

अगर पल्पिटेशन (Heart Palpitations) बार-बार होता है लंबे समय तक रहता है या साथ में कोई और लक्षण भी दिखते हैं, तो जरा ध्यान देने की जरूरत है।

दिल की धड़कन बिगड़ जाए (Arrhythmia): मतलब दिल बहुत तेज या बहुत धीमा या अनियमित तरीके से धड़के। ये कभी-कभी बेहोशी या सीरियस प्रॉब्लम दे सकता है।

दिल की कोई बीमारी: जैसे वाल्व की प्रॉब्लम, दिल का दौरा पड़ा हो या दिल की मांसपेशियों में गड़बड़ी हो।

थायरॉइड की दिक्कत: खासकर हाइपरथायरॉइडिज्म यानी थायरॉइड ज्यादा एक्टिव हो तो।

अन्य प्रॉब्लम्स: जैसे खून की कमी (एनीमिया), ब्लड शुगर लो हो जाना या शरीर में नमक-पानी (इलेक्ट्रोलाइट्स) का बैलेंस बिगड़ना।

कब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

अगर धड़कनों के साथ ये लक्षण नजर आएं, तो देर मत करें:

- सीने में दर्द या भारीपन

- सांस लेने में परेशानी

- चक्कर या बेहोशी जैसा लगना

- बार-बार और लंबे समय तक धड़कनों का तेज होना

- और अगर घर में किसी को पहले से हार्ट की बीमारी रही है, तो और भी सतर्क रहें।

तो अब सवाल इससे बचा कैसे जाए?

अगर आपकी धड़कनें किसी बड़ी बीमारी की वजह से नहीं हैं तो आप कुछ आसान चीजें करके इसे काबू में रख सकते हैं:

कैफीन और तंबाकू कम करें: चाय-कॉफी, सिगरेट या एनर्जी ड्रिंक से दूरी बनाएं।
तनाव कम करें: मेडिटेशन, योग और गहरी सांस लेने की आदत डालें।
ट्रिगर पहचानें: जो चीजें धड़कनें बढ़ाती हैं, उन्हें समझें और उनसे बचें।
पानी खूब पिएं, नींद पूरी लें: ये दोनों दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं।
हल्का व्यायाम करें: जरूरत से ज्यादा वर्कआउट न करें, लेकिन हल्की एक्सरसाइज जरूर करें।

अंत में एक बात याद रखें:

दिल कभी-कभी इशारा करता है, उसे नजरअंदाज मत कीजिए।

अगर कुछ भी अजीब लगे – बार-बार धड़कनें तेज हों, बेचैनी महसूस हो – तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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