Personalized Cancer Vaccine: दुनिया की पहली पर्सनलाइज्ड कैंसर वैक्सीन कैसे काम करती है? किस तकनीक से बनी है और इसका मरीजों को क्या फायदा होगा। आइए जानते हैं।
Personalized Treatment For Cancer: आपने कैंसर रोगियों द्वारा एक नए प्रकार के उपचार के परीक्षण के बारे में सुना होगा, जिसमें व्यक्तिगत टीकों का उपयोग किया जाता है। एनएचएस इंग्लैंड ने पहली बार आंत के कैंसर के एक मरीज के इलाज के लिए एक व्यक्तिगत टीके का इस्तेमाल किया था। ऐसे में आप भी जानना चाहते होंगे कि ये पर्सनलाइज्ड वैक्सीन क्या होती है। चलिए समझते हैं।
कैंसर के टीके एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी होती है। इसका मतलब है कि ये कैंसर के इलाज के लिए शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को खोजने, मारने और उन्हें दोबारा आने से रोकने के लिए प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए दिया जाता है।
कैंसर को आज भी दुनिया की सबसे खरतनाक बीमारियों में से एक माना जाता है। इस घातक बीमारी के कारण लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। ऐसे में रूस ने दुनियाभर में उम्मीदें जगा दी हैं। रूस की Enteromix वैक्सीन को लेकर दावा किया गया है कि इसने शुरुआती ट्रायल में 100% प्रभाव दिखाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वैक्सीन सुरक्षित है और ट्यूमर की ग्रोथ को 60–80% तक धीमा कर सकती है।
पर्सनलाइज्ड कैंसर वैक्सीन, एक चिकित्सीय इम्यूनोथेरेपी जिसे किसी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है। ऐसा इसलिए ताकि, कैंसर कोशिकाओं पर मौजूद विशिष्ट प्रोटीन - नियोएंटीजन - की पहचान की जा सके और उन्हें लक्षित करके उनके विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं को विशेष रूप से लक्षित करके नष्ट कर सके।। इसका उद्देश्य मौजूदा कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने और फिर से उत्पन्न होने से रोकने के लिए एक शक्तिशाली, टिकाऊ और ट्यूमर-विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करना है।
रूस की Enteromix वैक्सीन mRNA तकनीक पर आधारित है, जिसे कोविड-19 की वैक्सीन (Pfizer और Moderna) में भी इस्तेमाल किया गया था। इस वैक्सीन में फर्क ये है कि ये वैक्सीन हर मरीज के ट्यूमर प्रोफाइल के हिसाब से पर्सनलाइज्ड होती है।