
साइनस और माइग्रेन का कारण क्या है? (Image Source: ChatGPT)
Sinus And Migraine Pain: किसी भी किस्म का सिरदर्द शरीर के लिए कई समस्याएं पैदा कर देता है। सिरदर्द को भी प्रकारों में बांटा गया है जैसे- माइग्रेन, हिप्निक, साइनस, क्लस्टर आदि। वैसे तो इन सभी परिस्थितियों में सिरदर्द होना आम बात है, लेकिन इनके लक्षण अलग- अलग हो सकते हैं। मुख्य रूप से यह जानते है कि माइग्रेन और साइनस का क्या कारण है।
साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द या आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इसके लक्षण होते हैं। इसके साथ ही हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द हो सकता है। साइनस की परेशानी से गंभीर संक्रमण भी हो सकता है।
साइनस में नाक बंद होती है, साथ ही नाक में कफ आदि का बहाव अधिक मात्रा में होता है। बताया जाता है कि इस रोग में नाक के अंदर की हड्डी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है। ऐसे मरीज को जब भी ठंडी हवा या धूल, धुआं उस हड्डी पर टकराता है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है। साइनस के संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से माथे पर, गालों पर ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है।
माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं, बल्कि एक स्थिति या सिंड्रोम है, जिसका सिरदर्द एक प्रमुख लक्षण है। इसमें सिरदर्द का दर्द ड्यूरा या मस्तिष्क और खोपड़ी के बीच की झिल्ली की नर्व कंट्रोल सूजन के कारण होता है । जिन लोगों को महीने में 15 से कम दिन सिरदर्द होता है, उन्हें एपिसोडिक माइग्रेन कहते हैं। जिन लोगों को महीने में 15 या उससे ज्यादा दिन सिरदर्द होता है, उन्हें क्रोनिक माइग्रेन कहते हैं।
माइग्रेन एक नर्व के कारण होता है जो ड्यूरा को उत्तेजित कर देती है, जिससे दर्द फैलता है और स्थानीय ब्लड सर्कुलेशन में परिवर्तन होता है। इसके अलावा माइग्रेन के आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं। माइग्रेन के दौरे के कई कारण हो सकते हैं। आम उदाहरणों में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट, शराब का सेवन, तनाव, ठंड का मौसम और नींद की कमी शामिल हैं।
एक स्वस्थ जीवनशैली माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकती है। इसमें पूरी तरह से प्राकृतिक आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ वजन बनाए रखना शामिल है। नियमित नींद बेहद जरूरी है। योग, पिलेट्स और ध्यान जैसी तनाव-मुक्ति तकनीकें भी माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकती हैं।
Updated on:
27 Sept 2025 05:10 pm
Published on:
27 Sept 2025 04:54 pm
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