यादगीर जिले की धर्मपुरा इलाके की ग्राम पंचायत अरिवु लाइब्रेरी पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ी है, जिससे स्थानीय विद्यार्थियों और पढऩे वालों में भारी नाराजगी है। लाइब्रेरी सुपरवाइजर श्रीनिवास की बीमारी से मौत के बाद से आज तक लाइब्रेरी नहीं खोली गई, जबकि ग्राम पंचायत के पांच गांवों श्रावणगेरे, अरालीकेरे, धर्मपुरा, बेनाकनहल्ली और कृष्णपुरा की आबादी 15,000 से अधिक है। लाइब्रेरी पहले ग्राम पंचायत कार्यालय के छोटे कमरे में चलती थी, बाद में पी.के. रंगन्ना गौड़ा लेआउट में नए भवन में शिफ्ट की गई। लेकिन भवन सुनसान क्षेत्र में होने की वजह से पढऩे वालों की संख्या घट गई। इसके बावजूद लाइब्रेरी चल रही थी, जब तक कि सुपरवाइजर का निधन नहीं हुआ।
छात्रों का नुकसान सबसे ज्यादा
यह क्षेत्र प्राथमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के छात्रों वाला शिक्षण केंद्र है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए लाइब्रेरी आवश्यक थी, लेकिन अब पढऩे की जगह नहीं है। किताबें व सामग्री उपयोग में नहीं है। बंद दरवाजों के कारण परिसर गंदगी से भर गया है। सड़क विस्तार का कचरा भवन के चारों ओर जमा हो गया है।
सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया शुरू
केन्द्रीय पुस्तकालय विभाग के सहायक निदेशक डॉ. एस. आकाश ने बताया कि जिले में कुछ और जगह भी ऐसी समस्याएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। 6 सदस्यीय समिति इसका निरीक्षण कर रही है। नियुक्ति में रिजर्वेशन और अन्य नियमों का पालन किया जाएगा। स्थानीय लोगों की मांग है कि लाइब्रेरी तुरंत खोली जाए ताकि विद्यार्थी फिर से पढ़ाई शुरू कर सकें।