Mahakal VIP Darshan: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सख्ती दिखाई, सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग से किया तलब...महाकाल वीआईपी दर्शन (Mahakal VIP Darshan) को लेकर 60 दिन में दे जवाब....
Mahakal VIP Darshan: महाकाल मंदिर में सशुल्क वीआइपी दर्शन (Mahakal VIP Darshan) व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब न देने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ (MP HC Indore) ने सख्ती दिखाई है। इंदौर के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने महाकाल मंदिर में सशुल्क वीआइपी दर्शन व्यवस्था को लेकर मप्र राज्य सूचना आयोग को कहा है 60 दिनों में जवाब दे। सुनवाई का निर्णय दे।
असल में मंदिर समिति ने गत वर्षों में 250, 750 और 1500 रुपए की राशि लेकर क्रमश: शीघ्र एवं वीआइपी दर्शन की व्यवस्था लागू की। इस पर याचिकाकर्ता संदीप मिश्रा ने सामान्य श्रद्धालुओं के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज की। वर्ष 2023 में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत इस व्यवस्था से संबंधित प्रशासनिक आदेशों की जानकारी मांगी, तो मंदिर प्रशासन ने आदेश की प्रति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रथम अपील और द्वितीय अपील की, लेकिन राज्य सूचना आयोग (Information Commission) ने 21 मई 2024 से अब तक सुनवाई नहीं की।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि आयोग में उसकी अपील से बाद प्रकरण सूचीबद्ध हो चुके हैं, लेकिन उनका मामला अब तक लंबित है। यह सूचना अधिकार कानून और नियमों के विपरीत है, जिसमें अधिकतम 180 दिनों में अपील निपटाने का प्रावधान है।
सबसे बड़ी बात तो यह कि याचिका में यह उजागर हुआ कि महाकाल मंदिर की वीआइपी दर्शन योजना का आदेश एडीएम रीडर के निर्देश पर जारी किया था, लेकिन उसकी प्रति भी सार्वजनिक नहीं की जा रही थी।
- महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन 250, 750 और 1500 रुपए में
- सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा-यह धार्मिक समानता और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन
- आरटीआई में मांगी गई, लेकिन जानकारी नहीं दी गई
- राज्य सूचना आयोग ने सुनवाई में देरी की
- अब हाईकोर्ट के आदेश पर 60 दिन में फैसला देना होगा