ग्रुप में भेजी ‘पीएम सम्मान निधि’ योजना की लिंक, खातों से निकल गई राशि
सरकारी योजना के नाम पर फर्जी ऐप के जरिए की ठगी, पुलिस कर रही जांच
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर कुछ लोगों से ठगी हो गई। सामाजिक ग्रुप पर सरकारी योजना के नाम पर ऐप की लिंक भेजी गई। लोगों ने ऐप डाउनलोड कर लिया, जिसके बाद उनके अकाउंट से राशि निकल गई। ट्रांसपोर्ट कारोबारी के खाते से 25 हजार तो अन्य के खातों से भी राशि निकल गई। बाद में पता चला कि सरकारी योजना के नाम से फर्जी ऐप की लिंक दी गई थी, जिसके डाउनलोड करने से धोखेबाज को बैंक अकाउंट ऑपरेट करने की अनुमति मिल गई थी।
ट्रांसपोर्ट कारोबारी नेे मामले में साइबर सेल में शिकायत की, जिसके बाद राशि वापस कराने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ धोखेबाजों की तलाश भी शुरू की गई। ट्रांसपोर्टर ने पुलिस को बताया, वे सामाजिक संगठन के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़े हैं। ग्रुप पर किसी ने पीएम किसान सम्मान निधि हासिल करने को लेकर एक ऐप की लिंक शेयर की। चूंकि कई लोग खेती करते हैं तो उन्होंने विश्वास कर उस एपीके लिंक पर भरोसा कर डाउनलोड कर लिया। कुछ समय बाद खाते से राशि निकलने के मैैसेज आए तो सभी अलर्ट हुए। अधिकांश के खातों से पहली बार में 5 हजार, 10 हजार व 25 हजार रुपए निकाले गए। राशि निकलते ही संबंधित लोगों ने बैंक से संपर्क कर खातों को ब्लाॅक करा दिया अन्यथा और राशि निकल सकती थी। ट्रांसपोर्टर के 25 हजार गए थे तो सबसे पहले उन्होंने क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन पर संपर्क कर शिकायत कर दी। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, साइबर सेल शिकायत की जांच कर रही है।
सावधान रहें: असली ऐप की तरह दिखते हैं नकली ऐप, मोबाइल से डेटा होता है चोरी
साइबर एक्सपर्ट रोहित पंवार के मुताबिक, धोखेबाज असली ऐप से मिलते जुलते ऐप बनाकर जारी करते हैं, जिसके झांसे में लोग आ जाते हैं। कई सरकारी योजनाओं के ऐप को लेकर इस तरह से ठगी हो रही है। यदि कोई व्यक्ति ऐप इंस्टॉल करता है और आवश्यक अनुमतियां दे देता है तो ऐप धोखेबाजों को जानकारी भेजना शुरू कर देता है। इसके बाद धोखेबाज़ों के पास पीडित के मोबाइल की सारी जानकारी पहुंच जाती है और वे वित्तीय धोखाधड़ी आसानी से कर सकते हैं। ऐसे ऐप्स में अक्सर मैलवेयर या वायरस होते हैं, जो आपके फोन की सुरक्षा को भेद देते हैं।