MP News: एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक महिला को पुलिस सुरक्षा में लाया गया। एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था, उसकी पत्नी को उसे सौंपा नहीं जा रहा है।
MP High Court verdict: एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में शुक्रवार को एक महिला को पुलिस सुरक्षा में लाया गया। यहां महिला ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता ने जबरदस्ती अपने पास रखा है। माता-पिता का कहना था कि उसकी पहले शादी हो चुकी है। उसे अपने पति के साथ रहना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए दलील खारिज कर दी कि महिला 25 साल की बालिग है।
वह अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने के लिए आजाद है, भले ही उसकी शादी पहले हुई हो। इसके बाद जस्टिस प्रणय वर्मा और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने उसे उसके पति के सुपुर्द किया। साथ ही पुलिस को दोनों को सुरक्षित सवाई माधोपुर पहुंचाने के आदेश दिए। (MP News)
सवाई माधोपुर निवासी धीरज नायक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया था, उसकी पत्नी को उसे सौंपा नहीं जा रहा है। कोर्ट ने 2 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा था, लेकिन महिला को पेश नहीं किया गया।
गुरुवार को उसके माता-पिता की ओर से बताया गया, संध्या मंदसौर की भानपुरा तहसील के ग्राम पंगा में है और वह अभी कोर्ट में नहीं आ सकती है। इस पर कोर्ट ने मंदसौर के सबसे सीनियर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजकर महिला के बयान दर्ज करने के लिए कहा था।
महिला के बयान के बाद कोर्ट ने उसे माता-पिता की गिरफ्त से निकालकर शुक्रवार को कोर्ट में पेश करने कहा था। साथ ही निर्देश दिए मंदसौर एसपी व थाना पुलिस महिला और उसके वकील के मंदसौर से इंदौर तक आने-जाने की सुरक्षा का इंतजाम करेंगे। पति को महिला के इंदौर निवासी परिवार से धमकियां मिलने पर कोर्ट ने महिला को इंदौर में भी सुरक्षा देने को कहा था।
वहीं, राजगढ़ जिला कोर्ट ने एक अनोखे पारिवारिक मामले में फैसला सुनाते हुए पहली पत्नी और बच्चा होने के बावजूद दूसरी शादी करने वाले पति को दोषी करार दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जितेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी पति रामबाबू (33) पिता हीरालाल पंवार निवासी ग्राम सरेड़ी को दो साल का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
फैसला 11 दिसंबर 2025 को सुनाया गया। पीड़िता पहली पत्नी ने 25 फरवरी 2020 को राजगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसका विवाह रामबाबू ने बिना तलाक दिए दूसरी महिला से शादी कर ली है। मामले में बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और दूसरी पत्नी का मतदाता सूची में नाम जुड़ा होना रामबाबू को दोषी ठहराने के लिए निर्णायक सबूत बने। (MP News)