इंदौर

Refined Oil Price : त्योहारी सीजन में तेल के दाम छुड़ाएंगे पसीना, आमजन की जेब पर पड़ेगा इतना भार

Refined Oil Price : जल्द ही सरकार क्रूड-रिफाइंड खाद्य तेलों (सूरजमुखी के तेल, पॉम ऑयल और सोयाबिन ऑयल) के दामों में बढ़ोत्तरी करेगी। इससे आम नागरिकों की परेशानियां बढ़ेगी।

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Refined Oil Price : दीपावली से पहले आम लोगों के जेब पर डांका डालने वाली खबर साने आई है। बता दें कि जल्द ही खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी होने वाली है। दरअसल, सरकार ने जनता को महंगाई से राहत देने के लिए 2023 में कस्टम ड्यूटी घटा दी थी। विदेश से सस्ता तेल आयात होने लगा और देश में तेल के दाम भी घट गए। बात करें मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर के बाजार की तो यहां सोयाबीन तेल बीते दिनों तक 90-95 रुपए प्रति किलो बिका जबकि इस समय 110-115 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।

ऐसे में जानकारी सामने आई है कि जल्द ही सरकार खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा करेगी। इससे किसानों की उपज के दाम बढ़ जाएंगे और सरकार के कंधों से समर्थन मूल्य पर खरीदी का बोझ कम हो जाएगा। लेकिन, सरकार के इस फैसले का असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा और लोगों को महंगा तेल खरीदना होगा।

20 से 30 रुपए तक दाम बढ़ने की संभावना

देश में अपरिष्कृत खाद्य तेल विदेश से आयात करने पर फिलहाल 5 प्रतिशत ड्यूटी लग रही है। 2023 के पहले आयात पर कुल शुल्क 37-38 प्रतिशत था। आयात ड्यूटी बढ़कर फिर से 30 प्रतिशत के स्तर पर आती है तो खुदरा बाजार में सोयाबीन रिफाइंड के दामों में 20 से 30 रुपए तक बढ़ जाएंगे।

किसानों को जबर्दस्त फायदा-सरकारी अधिकारी

रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के सरकार के इस फैसले से किसानों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि इससे उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी।

सरकार का भी फायदा

आयात-निर्यात से जुड़े कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार, आयात ड्यूटी बढ़ने से रिफाइंड सोया तेल यदि 140 रुपये किलो तक पहुंच गया तो बाजार में सोयाबीन के दाम खुद-ब-खुद 5000 रुपए क्विंटल के पार पहुंच जाएंगे। अभी दाम 4000 से 4500 रुपए क्विंटल है। सरकार ने किसानों की मांग पर समर्थन मूल्य 4892 रुपये क्विंटल की दर से सोयाबीन खरीद की घोषणा की है।

इस तरह सरकार के कांधे से खुद ब खुद हट जाएगा बोझ

खुले बाजार में दाम समर्थन मूल्य से ज्यादा हुए तो किसान खुद ही समर्थन मूल्य पर सरकारी बिक्री में रुचि नहीं लेंगे। ऐसे में सरकार के कंधों से खुद ही खरीद और किसानों को भुगतान का बोझ हट जाएगा। क्योंकि सोयाबीन का सरकार के लिए भी कोई उपयोग नहीं है। यह खाद्यान्न तो है नहीं जिसे सरकार पीडीएस में वितरित कर सके। आगे जाकर सरकार को भी तेल प्लांटों को ही अपना सोयाबीन बेचना पड़ेगा खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा पीटीआई से मिली जानकारी के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ने क्रूड और रिफाइन्ड सूरजमुखी तेल, पाम ऑयल और सोयाबिन ऑयल के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने का ऐलान किया है। इसे 20 फीसदी और 32.5 फीसदी तक कर दिया गया है।

Updated on:
15 Sept 2024 09:17 am
Published on:
15 Sept 2024 09:16 am
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