शहर के युवाओं, बुजुर्ग व महिलाओं ने बरगी डैम से जिलहरी घाट तक तैरकर पहुंचे 10 लोग हुए इस यात्रा में शामिल, लोगों को बताया नर्मदा को कचरा घर न बनाएं
Narmada river : इन दिनों झमाझम बारिश हो रही है। जिसके चलते हर छोटे-बड़े नदी नाले उफान पर हैं। प्रचंड वेग से बहने वाली नर्मदा का रौद्र रूप देखने मिल रहा है। जिसके करीब जाने से भी जहां लोग दस बार सोच रहे हैं, वहीं शहर के दस नर्मदा भक्त इसमें तैरने के लिए उतरे और 25 किमी की दूरी तय की। इनका उद्देश्य नर्मदा को निर्मल व प्रदूषण मुक्त रखने का संदेश समस्त नर्मदा भक्तों को देना था। जिसने भी इनकी तैराकी बात सुनी वह दंग रह गया, हालांकि ये सभी कुशल तैराक हैं और पूरे साल नर्मदा में तैराकी करते रहते हैं।
निर्मल नर्मदा यात्रा के संयोजक शिवा विश्वकर्मा ने बताया बरगी बांध से जिलहरीघाट गौरीघाट तक करीब 25 किमी लंबी यात्रा में दस लोग शामिल हुए। इसका उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना था कि नर्मदा केवल नदी नहीं है, वह एक मां है जो सभी संकटों से उबारती है। अत: हमें उसका जीवन या अस्तित्व खतरे में नहीं डालना है। इसे कचराघर न बनाएं, आस्था के पुष्पों से अर्चन करें और जितना संभव हो सके, इसे निर्मल रखने में सहयोग करें। ताकि इसका हर रूप हमें और हमारी आने वाली पीढिय़ों को जीवन देता रहे।
नित्य तैराकी मंडल के वरिष्ठ सदस्य शंकर श्रीवास्तव ने बताया निर्मल नर्मदा यात्रा की दस सदस्यीय टीम में शिवा विश्वकर्मा, दीपक अमलानी, संजय रेड्डी , सोनी रामलख्यानी, अभिषेक खरे, शाश्वत गुप्ता, राम लालवानी सहित दो मातृशक्ति ममता सोनी, आभा खरे भी शामिल रहीं। सभी ने बिना रुके 25 किमी लंबी यात्रा पूरी की।
बरगी बांध से शुरू हुई निर्मल नर्मदा यात्रा को देखने पहुंचे बहुत से लोग तैराकों का हौंसला देखकर दंग रह गए। इस यात्रा को देखने नर्मदा के दोनों तटों पर कई घाटों के किनारे खड़े लोगों ने देखा और मात नर्मदे हर का जयकारा लगाते हुए सभी का हौंसला बढ़ाया।