कागज और औषधियों के लिए उपयोग में आने वाला समुद्र किनारे होने वाले पेड़ झाऊ (कैसुरीना) की फार्मिंग से मध्य भारत में भी हो सकेगी।
वीरेन्द्र रजक@ जबलपुर. कागज और औषधियों के लिए उपयोग में आने वाला समुद्र किनारे होने वाले पेड़ झाऊ (कैसुरीना) की फार्मिंग से मध्य भारत में भी हो सकेगी। इसका फायदा प्रदेश के किसानों को होगा। ऊष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान (टीएफआरआइ) के वैज्ञानिकों ने समुद्र किनारे उगने वाले इस पेड़ को उगाने में सफलता हासिल की है। जबलपुर और रायपुर में जारी शोध में वैज्ञानिकों ने बड़ी संख्या में ये पेड़ लगाए। अब ये पेड़ 15 फीट ऊंचे हो गए हैं।
इस पेड़ का मुख्य उपयोग कागज की लुगदी बनाने में होता है। इससे किसानों को खासा आर्थिक लाभ मिलेगा। इसका उपयोग तंत्रिका विकारों, मुंहासे, गले के संक्रमण, अल्सर, कब्ज, खांसी, मधुमेह, दस्त, पेचिश आदि में भी अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
TFRI scientist : समुद्री तटों में पैदा होने वाले कैसुरीना पर जबलपुर-रायपुर में शोध चल रहा है। मध्यभारत में भी खेती की तैयारी है। इससे किसानों को फायदा होगा। पर्यावरण सुधरेगा।