children shouts problem : आजकल बच्चों की परवरिश करना ज्यादातर पैरेंट्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है।
children shouts problem : आजकल बच्चों की परवरिश करना ज्यादातर पैरेंट्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। बच्चों के व्यवहार को सही दिशा में मोड़ना जितना जरूरी है, उतना ही मुश्किल भी। कई बच्चे छोटी-छोटी बात पर चिल्लाने लगते हैं। इससे उनके व्यक्तित्व-रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में इस आदत को समय रहते इस तरह सुधारें…
जब बच्चे व्यस्त रहते हैं, तो उनके चिड़चिड़ेपन और गुस्से का स्तर अपने आप कम हो जाता है।
कैसे करें?…
घर के छोटे-छोटे कामों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्हें नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करें।
बच्चे कई बार अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे वे चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं।
कैसे मदद करें?…
बच्चों की बात को ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उन्हें यह महसूस कराएं कि उनकी भावनाएं महत्त्वपूर्ण हैं। उनकी समस्या का हल प्यार और सहानुभूति के साथ तलाशें। उनकी झल्लाहट को समझें।
बच्चों को शांत और समझदार बनाने के लिए जरूरी है कि घर का माहौल सकारात्मक और सहयोगात्मक हो।
क्या करें?…
परिवार के सभी सदस्य आपस में प्यार और समान से बात करें। जब बच्चे अपने आसपास संयम और शांति देखेंगे, तो वे खुद भी वैसा ही व्यवहार करना सीखेंगे। तनावपूर्ण स्थितियों में धैर्य बनाए रखें और चिल्लाने से बचें। खासतौर पर बच्चे पर न चिल्लाएं।
अगर बच्चा चिल्ला रहा है या बहस कर रहा है, तो उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें।
कैसे संभालें?…
पहले उसे अपना पक्ष रखने का मौका दें। जब वह शांत हो जाए, तब उसे समझाएं कि उसका व्यवहार सही नहीं था।
बच्चों को गहरी सांस लेने और कुछ देर शांत रहने का अभ्यास करवाएं। जब वे गुस्सा करें, तो उन्हें 10 तक उल्टी गिनती करने के लिए कहें। गुस्सा कम करने के लिए पेंटिंग, डांस या फिर योग जैसी गतिविधियों में शामिल करें।
माता-पिता अक्सर बच्चों की गलतियों पर तुरंत चिल्लाते हैं। इससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब बच्चे महसूस करते हैं कि उनकी बातों को महत्त्व दिया जा रहा है, तो वे ज्यादा शांत और समझदार हो जाते हैं।
क्या करें?… उनके अच्छे व्यवहार की सराहना करें, ताकि वे प्रोत्साहित महसूस करें। अपनी आवाज और भाषा पर नियंत्रण रखें।
children shouts problem : गुस्सा हर इंसान की स्वाभाविक भावना है, लेकिन इसे सही तरीके से व्यक्त करना आना चाहिए।