जबलपुर

admission in engineering : इंजीनियरिंग की आधी सीटें खाली, मनपसंद ब्रांच ने बढ़ाई परेशानी

जिले के कॉलेजों में करीब 9 हजार सीटों का आवंटन किया गया था, लेकिन उनमें से केवल साढ़े चार हजार सीटों पर ही छात्रों ने प्रवेश लिया है।

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Aug 20, 2024
engineering

admission in engineering : इंजीनियरिंग कॉलेजों में मनपसंद ब्रांच नहीं मिलने से निराश छात्रों ने प्रवेश में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में पहले राउंड के बाद भी आधी सीटें खाली रह गईं। जिले के कॉलेजों में करीब 9 हजार सीटों का आवंटन किया गया था, लेकिन उनमें से केवल साढ़े चार हजार सीटों पर ही छात्रों ने प्रवेश लिया है। यह स्थिति अमूमन अधिकांश कॉलेजों में है।

engineering : जिले में साढ़े चार हजार ने लिया प्रवेश, दूसरे चरण का पंजीयन आज से

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों की बदलती प्राथमिकताओं के चलते भी अधिकांश ब्रांचों की सीटें नहीं भर सकी हैं। ऑल इंडिया टेक्निकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों ने पहले दौर की काउंसलिंग में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, डाटा साइंस, मेकाट्रॉनिक्स जैसी ब्रांचों के प्रति अधिक रुचि दिखाई है। इन ब्रांचों की मांग के चलते अन्य ब्रांचों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संया कम है।

engineering : 23 अगस्त तक इसके प्रवेश होंगे

कॉलेज पसंद नहीं आने की दशा में छात्रों ने अपग्रेडेशन का विकल्प चुनना उचित समझा है। अब अपग्रेडेशन का आवंटन 20 अगस्त को होगा और 23 अगस्त तक इसके प्रवेश होंगे। इसी के साथ ही दूसरे राउंड की पंजीयन की प्रक्रिया भी 20 अगस्त से शुरूआत होगी। यह राउंड 6 सितंबर को समाप्त होगा।

engineering : 12 हजार एडमिशन

एआईसीटीई द्वारा पहले राउंड में प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 25 हजार सीटें आवंटित की गई थीं, जिनमें से आधी सीटों पर ही छात्रों ने प्रवेश लिया है। करीब 12 हजार 600 सीटों पर एडमिशन हुआ है। जिले में पहले राउंड में सीटों का एलॉटमेंट में जेईसी सहित कुछ निजी कॉलेजों को शामिल किया गया है। छात्रों को पसंदीदा ब्रांच नहीं मिलने की स्थिति में वे अन्य विकल्पों के बजाय दूसरे राउंड का इंतजार करना पसंद कर रहे हैं।

engineering : छात्रों को मनपसंद ब्रांच न मिलने के कारण भी कई बार छात्र प्रवेश लेना नहीं चाहते हैं और अगले राउंड के लिए प्रतीक्षा करते हैं। इस बार छात्रों को अप्रगेडेशन की सभी सुविधा दी गई है इसके बाद ही स्थिति क्लीयर होगी।

डॉ.पीके झींगे, प्राचार्य जेईसी
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