जबलपुर

अच्छी पहल: कम्बाईन वेडिंग प्लान का चलन बढ़ा, अब शादी के खर्चों पर दोनों परिवार बन रहे भागीदार

अच्छी पहल: कम्बाईन वेडिंग प्लान का चलन बढ़ा, अब शादी के खर्चों पर दोनों परिवार बन रहे भागीदार

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Nov 17, 2025
A good wedding planning
  • शहर में वेडिंग वैन्यू से लेकर मैन इवेंट्स के लिए लडक़ा-लडक़ी के परिवार कर रहे खर्च आधा-आधा
  • एक्सपट्र्स बोले इससे वैडिंग फंक्शन हुए और अट्रैक्टिव,
  • रिसोट्र्स, महंंगे होटल्स में होने लगी मीडियम फैमिली के घरों की शादियां

A good wedding planning : शहर में एक से बढकऱ एक महंगी और थीम बेस्ड शादियों का चलन बढ़ गया है। अब दूल्हा-दुल्हनकी एंट्री से लेकर फेरे और विदाई सब कुछ प्लानिंग के साथ होने लगा है। ऐसे में खर्च भी सामान्य से अधिक हो रहा है। ऐसे बढ़ते खर्च को कंट्रोल करने और अच्छे से अच्छे वैन्यू में शादी करने के लिए लोग अब कम्बाईन वेडिंग प्लानिंग करने लगे हैं। यानि वर और वधू पक्ष मिलकर एक साथ बराबर खर्चे उठा रहे हैं। ऐसे में उनका खर्च तो कम हो ही रहा है। रिश्तेदारों के साथ शादी का मजा भी दोगुना हो रहा है।

A good wedding planning

A good wedding planning : दूल्हा और दुल्हन दोनों के परिवार मिलकर कर रहे प्लानिंग

वेडिंग प्लानर्स के अनुसार पिछले कुछ सालों में जबलपुर में कम्बाईन वेडिंग प्लानिंग का चलन बढ़ा है। जिसमें दूल्हा और दुल्हन दोनों के परिवार मिलकर शादी की प्लानिंग और होने वाले खर्च को मिलकर एक साथ वहन करते हैं। यह एक मॉर्डन ट्रेंड है, जो जॉईट मैरिज और शेयर्ड फाइनेंसियल रिस्पॉसबिलिटी की संस्कृति को दर्शाती है। कम्बाईन वेडिंग प्लानिंग के कई फायदे हैं जो इसे अपनाने पर लोग जोर दे रहे हैं।

A good wedding planning : मिलता है दोनों के कल्चर को जानने का अवसर

कम्बाईन वेडिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि दोनों ही परिवारों को एक दूसरे की सामाजिक व पारिवारिक परंपराओं व रीति-रिवाजों को करीब से जानने का अवसर मिल जाता है। दोनों ही फैमिली एक दूसरे के प्रोग्राम में शामिल होकर उन्हें करीब से जान लेती हैं।

A good wedding planning

A good wedding planning : कम्बाईन वेडिंग प्लानिंग के फायदे

शेयर्ड फाइनेंसियल रिस्पॉसबिलिटी- परिवारों के बीच खर्चे बट जाते हैं। जिससे किसी एक की फैमिली पर फाइनेंसियल प्रेशर नहीं पड़ता है।

प्लानिंग टूगेदर- दोनों परिवार मिलकर शादी की प्लानिंग बनाते हैं, जिसमें बजट बनाना, मेहमानों की सूची तय करना और अन्य व्यवस्थाएं करना शामिल है।

कल्चर एंड सोशल चेंज- यह बदलते सामाजिक मानदंडों का प्रतिबिंब है, जहां पैरेंट्स के पारंपरिक मतभेद कम हो रहे हैं और आधुनिक जोड़े एक अच्छा जीवन जीने के लिए साथ मिलकर निर्णय लेते हैं।

मॉर्डन एपरोच- यह परिवारों के बीच अधिक समावेशी और सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। दोनों परिवार एक की काम के लिए मिलकर काम करते हैं।

राइजिंग एक्सपेंस- आजकल शादियों का खर्च बहुत बढ़ गया है, जिससे किसी एक परिवार के लिए पूरा खर्च उठाना मुश्किल हो सकता है। एक्सपट्र्स के अनुसार एक औसत भारतीय शादी पर 10 लाख रुपए से कम खर्च नहीं होता है।

को-ऑपरेशन विटवीन फैमिलीज- यह दोनों परिवारों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने और एक-दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखने का अवसर प्रदान करता है।

इकॉनॉमिक पार्टनरशिप- यह एक आधुनिक और व्यावहारिक तरीका है, जिसमें दोनों परिवार वित्तीय और तार्किक रूप से एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, जिससे शादी को एक सफल और यादगार अनुभव बनाया जा सके।

Updated on:
17 Nov 2025 11:32 am
Published on:
17 Nov 2025 11:31 am
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