जबलपुर

15 करोड़ से बदलेगी 310 एकड़ मेें फैले इस औद्योगिक क्षेत्र की तस्वीर, इनको होगा फायदा

industrial area : जिले के चरगवां में स्थित उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र को नया रूप मिलेगा।

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Mar 05, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर

industrial area : जिले के चरगवां में स्थित उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र को नया रूप मिलेगा। यहां विकास के काम होंगे। डेढ़ दशक पहले बने औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें खराब हो गई हैं। ड्रेनेज के यही हाल हैं। ऐसे में जब कोई उद्योगपति यहां निवेश के लिए आता है तो वह निराश हो जाता है। अब 310 एकड़ मेें फैले इस औद्योगिक क्षेत्र का उन्नयन किया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन ने 15 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।

industrial area

industrial area : फेज-2 का विस्तार

इस औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना वर्ष 2008 में हुई थी। दो साल बाद यानी 2010 में यह बनकर तैयार हुआ। इसी दौरान भूखंडों का आवंटन और फिर उद्योगों की स्थापना का काम शुरू हो गया था। अभी फेज एक और दो में 80 से अधिक छोटी और बड़ी इंडस्ट्री चल रही हैं। हाल में सबसे बडे़ प्लांट के रूप में एक शीतल पेय बनाने वाली कंपनी ने उत्पादन की शुरूआत की है। अभी फेज-2 का एक्टेंशन भी चल रहा है।

industrial area : सबकी बुकिंग नए उद्योगपतियों ने कर ली

मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआइडीसी) के औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड नहीं बचे हैं। सबकी बुकिंग नए उद्योगपतियों ने कर ली है। उमरिया-डुंगरिया धीरे-धीरे जिले का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनता जा रहा है। कई जगहों पर मुय मार्ग जर्जर हो गया है। इसकी वजह यह है कि उद्योगों में भारी वाहन सामग्री लेकर आते हैं। साथ ही कई सड़कों की यह उम्र पूरी हो गई है। उनकी मरमत करना जरूरी हो गया है।इसी प्रकार स्ट्रीट लाइट खराब होने से क्षेत्र में अंधेरा छाया रहता है। यहां नई लाइट भी लगाई जाएंगी।

industrial area : जीआइएस में बना विकास का खाका

बताया जाता है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी इस बात पर जोर दिया गया था कि जो औद्योगिक क्षेत्र है उनमें बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। इसका लाभ उद्यमियों को बेहतर परिवहन व आधारभूत संरचना के रूप में मिलेगा। क्षेत्र का औद्योगिक वातावरण भी सुधरेगा।

industrial area : उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र के उन्नयन के लिए उद्योगपति मांग कर रहे थे। मुयालय प्रस्ताव भेजा था। 15 करोड़ 2 लाख रुपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जल्द ही विकास कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

  • सृष्टि प्रजापति, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी
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