जबलपुर

जबलपुर में पराली से बनेगी बायो गैस, प्रदूषण से निपटने की अच्छी पहल

जबलपुर में पराली से बनेगी बायो गैस, प्रदूषण से निपटने की अच्छी पहल

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Sep 17, 2025
FIR will be filed against farmers burning stubble in Haryana

innovation of Biogas : धान की फसल की कटाई के बाद पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से जल्द निजात मिल सकती है। यह किसानों की आय का जरिया भी बनेगी। दरअसल, पर्यावरण संरक्षण और के लिए फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन पराली से कप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) बनाने के लिए जिले में शोध से बोध अभियान चलाएगा। प्रशासन से प्लांट लगाने की मांग की जाएगी।

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innovation of Biogas : जैविक खाद भी बनेगी

जानकारी के अनुसार पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है। पराली से सीबीजी बनने से निकलने वाली खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, इससे खेतों में रसायन की जरूरत कम होती है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर वैज्ञानिकों ने इसका समाधान बायोमास से सीबीजी गैस उत्पादन के रूप में खोजा है। इससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। प्रति एकड़ धान की कटाई के बाद दो हजार किलो बायोमास निकलता है, इससे 200 किलो कंप्रेस्ड बायो गैस तैयार होगी।

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innovation of Biogas : बड़े पैमाने पर प्लांट लगाए जाने चाहिए

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के प्रमंडल सदस्य डॉ. बृजेश दत्त अरजरिया ने बताया कि धान, मक्का व अन्य फसलों के अवशेष से सीबीजी और कपोस्ट खाद बनाने के लिए जबलपुर में बड़े पैमाने पर प्लांट लगाए जाने चाहिए। इस सबंध में फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन जिला प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखेगा।

Updated on:
17 Sept 2025 11:51 am
Published on:
17 Sept 2025 11:45 am
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