जबलपुर

जबलपुर की फैक्ट्री Air Force को देगी ढाई क्विंटल के बम का दम, बनाया है ये रिकॉर्ड

Jabalpur Ordnance Factory : जबलपुर की ऑर्डनेंस की फैक्ट्री(ओएफजे) से तैयार ढाई क्विंटल के बम से भारतीय वायुसेना(एयरफोर्स) को बड़ा दम मिलने वाला है।

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Apr 12, 2025

Jabalpur Ordnance Factory : जबलपुर की ऑर्डनेंस की फैक्ट्री(ओएफजे) से तैयार ढाई क्विंटल के बम से भारतीय वायुसेना(एयरफोर्स) को बड़ा दम मिलने वाला है। एयरफोर्स के सबसे ताकतवर बमों में शामिल 250 किग्रा और 120 किग्रा एयर बम के खोल की ढलाई में इस बार ऑर्डनेंस फैक्ट्री जबलपुर (ओएफजे) ने बड़ी उपलिब्ध हासिल की है। नवंबर में इनकी ढलाई का ऑर्डर फैक्ट्री को मिला था। गत वित्तीय वर्ष के पांच महीने में ही दोनों एयर बम के डेढ़ हजार से अधिक खोल की ढलाई का रिकॉर्ड बनाया है। इसका फायदा यह हुआ कि ऑर्डनेंस फैैक्ट्री खमरिया में इन बमों में बारूद की फिलिंग तेज हो गई है। ऐसे में एयरफोर्स को समय पर सप्लाई हो रही है।

Jabalpur Ordnance Factory : ओएफजे को मिला है बड़ा लक्ष्य, पांच महीने में तैयार कर दिए 1500 शेल

ओएफजे को लंबे समय के बाद एयरफोर्स से एयरबम के लिए बड़ा ऑर्डर मिला था। निगम अभी तक ओएफजे के अलावा दूसरी आयुध निर्माणियों से बम बॉडी तैयार करवाती है। कुछ निजी कंपनियां भी यह काम कर रही हैं। लेकिन ओएफजे अकेले दम ही रेकॉर्ड उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। जो ऑर्डर मिला है, उसके पूरा होने से एयरफोर्स के भंडारण में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। ओएफजे को एक वित्तीय में 60 से 80 करोड़ रुपए कीमत का वर्कलोड मिलता है। दिया गया है। दरअसल, ओएफजे को ढलाई का काम ओएफके की ओर से दिया गया है। जो सालभर के वर्कलोड के बराबर है। उसे तीन हजार से ज्यादा बम के खोल तैयार करना है। इसके लिए इस साल नवंबर तक का समय दिया गया है। लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष के वित्तीय वर्ष समाप्त होते-होते फैक्ट्री ने 250 किग्रा बम बॉडी का 70 तो 120 किग्रा एरियल बम का लक्ष्य पूरा ही कर दिया है। अभी भी इसमें निरंतरता बनी हुई है।

Jabalpur Ordnance Factory : अब ओएफके की बारी

बता दें, ऑर्डनेंस फैक्ट्री जबलपुर जहां खोल का निर्माण करता है, वहीं ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) इसमें बारूद की फिलिंग कर पूर्णता प्रदान करता है। ओएफजे से खोल तैयार होते ही अब बारी ओएफके की है, जिसे बम के खोल की फिलिंग काम शुरू कर दिया है।

Jabalpur Ordnance Factory : भारी मात्रा में रहता है विस्फोटक

250 किग्रा एयर बम का इस्तेमाल सुकोई या जगुआर एयक्राफ्ट के जरिए किया जाता है। दुश्मन के इलाके में गिरने से हुए विस्फोट में आठ से 10 फीट का गहरा गड्ढा बन जाता है। जानकारों ने बताया कि इसमें 6 से 7 किलो अति विस्फोटक बारूद भरा होता है। बारूद के साथ छोटी स्टील की बॉल रहती है जो कि काफी घातक साबित होती हैं। इसी प्रकार 120 किग्रा एयर बम भी सबसे विश्वसनीय हथियारों में शामिल है। यह दुश्मन के बंकर, पुल और इमारतों केा तबाह कर देता है।

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