जबलपुर

Killer Wife : पहले नशीली दवा देकर किया डॉक्टर पति को बेहोश, फिर करंट देकर मार दिया

Killer Wife : पहले नशीली दवा देकर किया डॉक्टर पति को बेहोश, फिर करंट देकर मार दिया

2 min read
Jul 30, 2025
Husband Friend Raped Wife in Cafe Cabin (file photo)

Killer Wife : मप्र हाईकोर्ट ने अपने डॉक्टर पति को करंट देकर मारने की आरोपी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस देवनारायण मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि घटना के दिन कोई अन्य व्यक्ति बाहर से नहीं आया। परिस्थितियों की पूरी कड़ी इस ओर इंगित करती है कि पत्नी ने ही पहले नशीली दवा देकर पति को बेहोश किया और बाद में करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया। कोर्ट ने पूर्व में सजा पर दिया गया अस्थायी निलंबन निरस्त करते हुए आरोपी ममता पाठक को शेष कारावास भुगतने के लिए तत्काल ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए। इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 29 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

Killer Wife| Image Source - Social Media

Killer Wife : हो गई थी रहस्यमय मौत

वर्ष 2021 में ग्वालियर में सेवानिवृत्त डॉ नीरज पाठक की रहस्यमय मौत हो गई थी। शुरुआत में पत्नी ममता ने बताया था कि वह बेटे के साथ झांसी गई थी और लौटने पर पति मृत मिले। लेकिन जब जांच शुरू हुई तो कहानी में कई परतें खुलीं। पुलिस ने आरोप लगाया कि एक काॅलेज में केमिस्ट्री की प्रोफेसर ममता पाठक ने अपने पति को पहले नींद की गोलियां दीं और फिर उन्हें इलेक्ट्रिक शाॅक देकर मार डाला। ड्राइवर के बयान, नीरज की वायरल हुई एक आडियो क्लिप, जिसमें वह कह रहे हैं कि उनकी पत्नी उन्हें प्रताड़ित करती हैं, और ममता की एक पुरानी शिकायत ने इस केस को मजबूत बना दिया। 2022 में सेशन कोर्ट ने ममता को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन इसके बाद उसने हाई कोर्ट में अपील दायर की और कुछ माह पहले जमानत मिल गई थी।

Killer Wife (फाइल फोटो)

Killer Wife : आरोपी ने दिया था रासायनिक विश्लेषण

दरअसल, जब इस प्रकरण की सुनवाई चल रही थी, तब आरोपी महिला ने हाईकोर्ट में पोस्टमार्टम प्रक्रिया का रसायनिक विश्लेषण कर चौंका दिया था। कोर्ट ने आरोपी महिला से सवाल किया था कि आप पर अपने पति की इलेक्ट्रिक करंट से हत्या का आरोप है, इस पर आपका क्या कहना है। यह सुनते ही ममता ने केमिस्ट्री के ज्ञान के बल पर कहना शुरू कर दिया कि सर, पोस्टमार्टम रूम में थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिक बर्न में अंतर कर पाना संभव नहीं है। जब करेंट शरीर से गुजरता है, तो मेडिकल मेटल के कण टिशू में जम जाते हैं। बाद में लैब में उसे एचसीएल या नाइट्रिक एसिड में घोलकर परीक्षण किया जाता है। वहां असली पहचान होती है कि बर्न किस कारण से हुआ।

Published on:
30 Jul 2025 12:10 pm
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