Longest Flyover Jabalpur: एमपी को मिली सबसे लंबे फ्लाईओवर की सौगात, जबलपुर के विकास को लगे पंख, अब 45 मिनट नहीं सिर्फ 6-8 मिनट में पूरा होगा सफर, केंद्रीय परिवहन मंत्री ने दी 60 हजार करोड़ के विकास कार्यों की स्वीकृति...
Longest Flyover Jabalpur: नितिन गडकरी और सीएम मोहन यादव सिंगल क्लिक पर एमपी के ऐतिहासिक सबसे लंबे फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश के विकास कार्यों के लिए 60 हजार करोड़ की स्वीकृति भी दी। इनमें टाइगर रिजर्व कॉरिडोर और अन्य फ्लाईओवर, सड़क चौड़ीकरण, नई सड़क के निर्माण कार्य शामिल हैं। इस फ्लाईओवर के बनने के बाद अब दमोह नाका से मदनमहल तक का 7 किमी का सफर अब सिर्फ 6-10 मिनट में पूरा होगा।
जबलपुर सांसद आशीष दुबे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पुष्प गुच्छ देकर किया स्वागत किया। पुरुषार्थ की और नवाचार की आवश्यकता होती है, किसी भी असंभव काम को पूरा करने में। चमत्कार को धरातल पर उतारने का काम नितिन गडकरी ने किया है। प्रदेश के मुखिया सीएम ने प्रदेश को अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा कर दिया है।' ये बात सांसद आशीष दुबे ने कही। 60 हजार करोड़ के विकास कार्यों को मंजूरी दी।
इनके नेतृत्व में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है, उनके कारण ही देश विदेश के निवेशक एमपी पहुंच रहे हैं। बोले- 12 सौ करोड़ की लागत से फ्लाईओवर ब्रिज मिल रहा है, तो नितिन गडकरी की इस सौगात के लिए आभार व्यक्त करता हूं। कल्पना को अगर धरातल पर लाना सीखना है तो नितिन गडकरी से सीखें।
2015 में राकेश सिंह ने यातायात सुधार के लिए जो प्रोजेक्ट सोचा उसे नितिन गडकरी ने इसे तुरंत माना और इसके लिए फंड भी जारी किया। मुश्किलें आईं लेकिन राकेश सिंह से उन्हें साधा और आज जबलपुर को ये सौगात मिली है। पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। एक जबलपुर को और उपहार मिले बांधव गढ़ जाने के लिए ग्रीन फील्ड सड़क बनाए जाने की मांग स्वीकार करें। 90-95 मिनट में पूरा हो सफर जबलपुर से सीधी सड़क बांधवगढ़ जाने के लिए बनाई जाए 180 किमी का सफर पूरा होता है।
पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में नवाचार किए हैं, विकास की जो गंगा बही है वो नितिन गडकरी के सहयोग से 70 साल में पहली बार देखने को मिली है। सीएम के नेतृत्व में निवेश में नए कीर्तिमान गढ़े जा रहे हैं। नए ब्रिज और पुलों के निर्माण हो रहा है। हमारा नेतृत्व देश के लिए वीजनरी नेतृत्व है। ये 21वां दशक देश के कायाकल्प को बदलने का नवाचार है। निर्माण से लोक कल्याण की स्टोरी एमपी लिख रहा है। वीरांगना रानी दुर्गावती फ्लाईओवर। ये जबपुर के भविष्य को संवारने वाला है, जबलपुर उन्नत होंगे। 60 किमी की दूरी केवल 5-6 मिनट में पूरा होगा। 700 करोड़ का था 52 करोड़ का हो गया, तमाम मुश्किलों के बावजूद नितिन गडकरी के प्रयासों से बजट स्वीकार किया, कांग्रेस बनी रोड़ा, लेकिन फिर बना ब्रिज, 1200 करोड़ की राशि गडकरी ने इस काम के लिए स्वीकृत की। जो दंश लगता था आज ये ब्रिज ताज की भांति सज गया।
रिंग रोड में भी बड़ी बाधा आई, देश की दूसरी सबसे बड़ी रिंग रोड 118 किमी लंबी रिंग रोड बनेगी 4 हजार करोड़ में दो साल में बनकर तैयार होगी। जबलपुर से अमरकंटक होते हुए नेशनल हाईवे का काम भी चल रहा है। केवल रोप वे चाहिए दो-दो रोप वे मिले। दोनों में डीपीआर का काम चल रहा है। जल्दी ही काम भी शुरू होगा। मां नर्मदा को देखने लोग आएं ऐसे आधुनिक ब्रिज के निर्माण की बात की है। नागपुर में एयर बसों की भी मार्गदर्शन बने 135 सीटर बसें मध्य प्रदेश को मिले। मध्य प्रदेश एक टाइगर स्टेट है, यहां एक टाइगर सर्किट भी बनना चाहिए, बाँधव गढ़, कान्हा, पेंच और पन्ना को मिलाकर एक टाइगर एक्सप्रेस वे की घोषणा करें।
लोकपथ एप बनाया, अब हम हर सड़क पर रीचार्ज बोर बना रहे हैं, जितने किमी सड़क उतने रिचार्ज, मिट्टी से तालाब बनेंगे, 500 से ज्यादा तालाब बनाए जा चुके हैं। अब ट्री कटिंग नहीं ट्री शिफ्टिंग की जाएगी। एक मीटर व्यास वाले पेड़ों का संरक्षण, पर्यावरण की दिशा में बेहतर संरक्षण के लिए स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर से स्ट्रॉन्ग गति से आगे बढ़े रही है।
जबलपुर से मंडला तक सड़क की घोषणा की जाए ताकि आदिवासियों की राह आसान हो। जबलपुर से भोपाल ग्रीन फील्ड दूसरे चरण में बनेगा। इसके साथ ही जबलपुर भोपाल एक्सप्रेस वे को भी स्वीकृति दें। अगर पीएम मोदी नहीं होते, नितिन गडकरी और सीएम मोहन नहीं होते तो आज जबलपुर को ये सबसे लंबे ब्रिज की सौगात नहीं मिलती।
इस अवसर नितिन गडकरी ने कहा कि, सीआरएफ का फंड बहुत कम होता है, न उसे बढ़ा सकते हैं न कम कर सकते हैं, पेट्रोल डीजल से आने वाले फंड से इनके निर्माण पर खर्च करतेहैं देश के इतिहास में पहली बार सीआरएफ ने 1200 करोड़ का फंड दिया। जो घोषणा की है उसे हर हाल में पूरा करना है। राकेश सिंह ने कहा सीआरएफ में करो, लेकिन उसके लिए सिफारिश करनी पड़ती है, तब कमलनाथ सीएम थे, मैंने उनसे कहा और उन्होंने तुरंत इसे सीआरएफ में भेज दिया। और आज ये फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया।
किसी भी राज्य के विकास के लिए अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होना जरूरी है। अमरीका धनवान है इसलिए नहीं कि रास्ते अच्छे हैं, बल्कि रास्ते अच्छे हैं इसलिए अमरीका धनवान है। सीएम मोहन यादव ऐसा कर रहे हैं। मुझे एग्रीकल्चर साइंस में 6 डॉक्टरेट डिग्री मिली है। 100 डेढ़ सौ एकड़ में मैं AI का यूज कर रहा हूं खेती में, उससे उत्पादन दोगुना हो गया है मेरे खेतों में। गांव का पानी गांव में खेत का खेत में और घर का घर में। बोले- एमपी में 109 जलाशय बनाए हैं। नदी-नालों की मिट्टी से अमृत जलाशय बनाए। 75 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। 35 हजार करोड़ के चल रहे हैं, डेढ़ लाख करोड़ का होंगे। इंदौर से हैदराबाद, ओंकारेश्वर के नजदीक सुंदर ब्रिज का निर्माण किया है।
नितिन गडकरी ने आगे कहा कि, उज्जैन गरोड़ फोर लेन 27 करोड़ उज्जैन से कोटा जाने में अब 4 घंटे लगेंगे 16 की जगह, भोपाल से कानपुर जाने में 15 घंटे लगते थे अब ये दूरी 8 घंटे में होगी, 6 लेन ग्रीनफील्ड, ग्वालियर आगरा, 3 घंटे की जगह अब 1.30 घंटे लगेंगे। ग्वालियर से दिल्ली. ग्वालियर से मुंबई का काम भी लगभग पूरा हो गया है।
आज 15000 करोड़ के लागत की घोषणा की जबलपुर से छत्तीसगढ़ तक फोरलेन चौड़ीकरण, सिवनी से सावनेर -6 महीने में फोर लेन का काम शुरू होगा, जुलवानिया फोरलेने 108 किमी का काम भी 6 महीने में शुरू होगा, बालाघाट मंडला के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए नई सड़कस, बाघों के लिए फेमस एमपी में टाइगर कॉरिडोर बनेगा, फोरलेन सड़क 4600 करोड़ की लागत थी अब 5.500 करोड़ तक जाएगी। टूरिज्म बढ़ेगा।
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, रिजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की लिस्ट भेजिए मैं मंजूरी दूंगा।
सीआरएफ 1500 करोड़ से हवा कॉलेज से शाहबाबा मंदिर तक 300 करोड़ के फ्लाईओवर की घोषणा, कमिश्नर बंगला के सामने से विष्णु होटल तक 150 करोड़ का फ्लाईओवर, इंदौर-उज्जैन में 100 करोड़ की लागत, अशोकनगर बायपास से विदिशा तक 96 करोड़ लखनादोन से रायपुर 4 लेन हाईस्पीड कॉरिडोर 10 हजार करोड़ डीपीआर दिसंबर में, विशाखापट्टनम पोर्ट से जुड़ेगा।
इंदौर से भोपाल 107 किमी 12 हजार करोड़ को मंजूरी, डीपीआर दिसंबर तक, 1500-2000 करोड़ के अन्य प्रोजेक्ट इसके साथ ही -2100 करोड़ की लागत से 7 रोप वे की घोषणा की। वहीं 135 सीटर एसी बसों की घोषणा की, हर बस स्टॉप पर बस हॉस्टेज करेंगी स्वागत, डीजल बस से भी कम होगा किराया। चाय-नाश्ता और हर सीट पर लैपटॉप की सुविधा। आराम का होगा सफर। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर में सफर आसान।