जबलपुर

मोबाइल गेमिंग डिसऑर्डर बिगाड़ सकता है बच्चों का भविष्य, सेहत पर पड़ रहा भारी- देखें वीडियो

मोबाइल गेमिंग डिसऑर्डर बिगाड़ सकता है बच्चों का भविष्य, सेहत पर पड़ रहा भारी- देखें वीडियो

3 min read
Nov 19, 2025
Mobile gaming disorder
  • डॉक्टर, सोशल वर्कर और पुलिस अधिकारी ने रखे विचार, किया जागरुक

Mobile gaming disorder : जीवन में जो बच्चे सफल होते हैं वे मोबाइल पर गेमिंग या सोशल मीडिया एकाउंट नहीं चलाते हैं। उनका पूरा फोकस केवल अपनी पढ़ाई पर होता है। मोबाइल गेमिंग से न केवल आपका बहुमूल्य समय खराब हो रहा है, बल्कि इससे हमारी सेहत पर कई हानिकारक प्रभाव भी पड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा तो मेंटल हेल्थ वीक हो रही है। फिजिकली एक्टिव नहीं होने से कई तरह की बीमारियां बच्चों में होने लगी हैं। यदि इनसे बचना है तो आज ही मोबाइल गेमिंग और सोशल मीडिया से दूरी बना लें। केवल पढ़ाई में जितनी जरूरत हो उतना ही उपयोग करें। ये बात सर्जन डॉ. गोपाल तीर्थानी ने मंगलवार को अधारताल स्थित सांदीपनि स्कूल में कर्पूर चन्द्र कुलिश जी की जन्म जयंती शताब्दी वर्ष के आयोजनों की श्रृंखला में मोबाइल एडिक्शन और गेमिंग डिसऑर्डर पर आयोजित सेमीनार में शामिल बच्चों को संबोधित करते हुए कहीं।

Mobile gaming disorder : कविताओं और कहानियों से बताई हकीकत

रोटरी क्लब संस्कारधानी के अध्यक्ष अरुण नीखरा ने कहानियों व कविताओं के माध्यम से बच्चों को मोबाइल के दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने खेलों कूद के प्रति जागरुकत करते हुए उसके फायदे भी बताए। नीखरा ने सवाल जवाब की शृंखला में उपस्थित बच्चों से मोबाइल के खतरों और उपायों के बारे भी पूछा। जिसमें बच्चों ने कहा कि टाइमिंग को कम करने के और गेमिंग से बचने के लिए बहुत जरूरी है दृढ़ इच्छाशक्ति। जिससे हम किसी भी मंजिल का पा सकते हैं। मोबाइल हमारी राह में बहुत बड़ा स्पीड ब्रेकर बन चुका है। इसे हटाना ही होगा। उन्होंने पत्रिका के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि समाजहित के लिए ऐसे प्रयास एक दिन बदलाव जरूर लाते हैं।

Mobile gaming disorder : परिवार को समय दें, पैसे लगाने से बचें

समाजसेवी सिम्मी सोनाने ने एक मां के नजरिए से अपनी बात रखते हुए बच्चों को मोबाइल से होने वाली पारिवारिक समस्याओं से रूबरू कराया। उन्होंने कहा जितना समय मोबाइल पर बिता रहे हैं, यदि वह परिवार के साथ बिताया जाए तो हमें कुछ सीखने को ही मिलेगा। गेमिंग में जो पैसा लगा रहे हैं वह माता पिता की मेहनत की कमाई है। जो आपके अच्छे भविष्य के लिए ही जोड़ी जा रही है। यदि वह बर्बाद होती है तो आप अपना भविष्य खुद ही अंधकारमय कर रहे हैं।

Mobile gaming disorder : साइबर अपराध और गेमिंग के साइड इफेक्ट बहुत खतरनाक

साइबर एक्सपर्ट एसआई जागेश्वरी गौंड़ ने बच्चों को साइबर अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने सोशल मीडिया एक्टिविटी, ऑनलाइन गेमिंग और रील्स सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने सुरक्षा के साथ सावधानी और अपराधों से बचने के तरीके भी बताए। एसआई जागेश्वरी ने साइबर ठगों से बचने के तरीके, फंस जाने पर बचने के उपाए सहित निजी जानकारी लीक होने पर उससे बाहर आने की जानकारी दी।

Mobile gaming disorder : जागरुकता ही बचाव, बचपन को जिएं

प्राचार्य प्रकाश पालीवाल ने स्कूल के टॉपर बच्चों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सब मोबाइल को केलव पढ़ाई के लिए ही उपयोग करते हैं। इसलिए ये सफल हैं। यदि आपको भी आगे बढऩा है तो आज ही मोबाइल से दूरी बना लें। कोई भी लिंक को खोलने से पहले सोचें विचार करें तब खोलें। क्योंकि मोबाइल पर आई हर लिंक आपके काम की नहीं होती, बल्कि साइबर ठगों की चाल होती है आपको फंसाने की। इस दौरान स्कूल स्टाफ और बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित रहे।

Mobile gaming disorder : यहां मिली जानकारियां बहुत अहम हैं। इससे हम स्टूडेंट बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं साथ ही हमें साइबर अपराध से बचने में भी मदद मिलेगी। एक्सपर्ट ने जिस तरह से एक एक बात बताई वह सीखने और समझने में बहुत उपयोगी होगी।

  • अवधेश अग्रवाल, छात्र

Mobile gaming disorder : मोबाइल पर ज्यादा टाइमिंग हमारे ध्यान में भंग कर रही है। जिससे हम पढ़ाई में तो पिछड़ ही रहे हैं, सामाजिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है। कई तरह की मानसिक, शारिरिक बीमारियां घेर रही हैं। यही समय है कि स्टूडेंट्स को मोबाइल पर कम से कम और फिजिकली ज्यादा एक्टिव होने की आवश्यकता है।

  • आकृति शुक्ला, छात्रा
Published on:
19 Nov 2025 11:34 am
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