MP High Court : एमपी हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा कि अगर दोनों पति-पत्नी अगर नौकरी करते है तो घर किराया भत्ता सिर्फ एक का मिलेगा।
MP High Court :मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से नौकरी करने वाली दंपत्तियों के लिए बुरी खबर आई है। एक मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अगर दोनों पति-पत्नी अगर नौकरी करते है तो घर किराया भत्ता सिर्फ एक का मिलेगा। जस्टिस विवेक जैन ने ये फैसला उमरिया जिले के पाली नगर पालिका में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी की अपने किराया भत्ता आदेश को रद्द करने और पहले दिए गए पैसे वापस मांगने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है।
उन्होंने नगर पालिका के आदेश को रद्द कर दिया और पुष्पा सिंह को पूरा किराया भत्ता देने का आदेश दिया। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि पति को जो घर मिला है वह मुफ्त मिला है और दोनों पति-पत्नी एक ही घर में रहते हैं। इसलिए नियमों के हिसाब से याचिकाकर्ता पुष्पा सिंह किराया भत्ता पाने की हकदार हैं न कि उसका पति।
महिला कर्मचारी पुष्पा सिंह ने अपनी याचिका में बताया कि उनके पति एसईसीएल में काम करते हैं। उन्हें कंपनी ने मुफ्त में घर दिया है। उन्हें बिजली के बिल के अलावा और कोई बिल नहीं दें पड़ता है। इसलिए नियमों के मुताबिक अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी या किसी निगम-मंडल में नौकरी करते हैं तो सिर्फ एक को ही किराया भत्ता मिल सकता है।