निर्माल्य में रसायन युक्त सिंदूर, रोली भी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सिंदूर, रोली में पारा, कैडमियम और लैड जैसी भारी धातु होती है, जो जल में घुलकर जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं।
narmada pollution : नर्मदा में फेंका जा रहा पूजन-सामग्री का निर्माल्य जलीय जीवों के साथ इंसानों के लिए नुकसानदायक है। निर्माल्य में रसायन युक्त सिंदूर, रोली भी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सिंदूर, रोली में पारा, कैडमियम और लैड जैसी भारी धातु होती है, जो जल में घुलकर जलीय जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हें बनाने में उपयोग किए जाने वाले रंगों में कैंसर कारक रसायन होते हैं। जल की गुणवत्ता खराब होने पर प्रदूषण से जलीय जीवन खतरे में पड़ता है। दूषित जल पीकर लोग बीमार हो जाते हैं। नगर निगम के आकलन के अनुसार गौरीघाट, तिलवाराघाट समेत अन्य प्रमुख तटों पर पर्व विशेष में 15 से 20 टन पूजन सामग्री का निर्माल्य निकलता है।
नदी में पूजन सामग्री प्रवाहित करने पर उसमें मिले हुए रसायन युक्त सिंदूर, रोली जल में घुल जाते हैं। इनमें पारा, कैडमियम, और लैड जैसी भारी धातु शामिल होती हैं जो जल को दूषित करती हैं। इससे जलीय जीवों का जीवन तो संकट में आता ही है, इस जल को पीने वालों को भी बीमारी का खतरा रहता है। रंगों में कैंसर कारक रसायन होते हैं जो खतरनाक हैं। -डॉ.पीआर देव, वैज्ञानिक
narmada pollution : माइक्रो प्लास्टिक वे कण हैं, जिनका व्यास 5 मिलीमीटर से कम होता है। पॉलीथिन में पूजन सामग्री भरकर नदी में डालने से जल दूषित होता है। इससे जलीय जीवों का जीवन खतरे में आ जाता है। ऐसा पानी पीने से इंसान को भी कैंसर का खतरा रहता है।