अस्पताल के संचालक डॉक्टर राजेश अग्रवाल व प्रियांश मेडीकल स्टोर्स के तत्कालीन प्रबंधक प्रियांशु दुबे के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए।
private hospital : प्राइवेट अस्पतालों के कारनामे आए दिन सामने आ रहे हैं, इसके बाद भी ये रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही मामला जबलपुर में सामने आया है, जहां बीमारी को एक्सीडेंट बनाकर उसे लाखों रुपए क्लेम करने तक का केस बना दिया। मामला उजागर होने पर अब हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। संबंधित व्यक्ति सहित अस्पताल पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस मामले के सामने आ जाने के बाद जबलपुर के निजी अस्पतालों की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है।
अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश अजय पेंदाम के न्यायालय ने गैंगरीन के केस को रोड एक्सीडेंट बनाने की कोशिश का तथ्य सामने आने पर क्षतिपूर्ति की मांग निरस्त कर दी। साथ ही सर्वोदय अस्पताल के संचालक डॉक्टर राजेश अग्रवाल व प्रियांश मेडीकल स्टोर्स के तत्कालीन प्रबंधक प्रियांशु दुबे के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए।
अधिकरण ने उक्त समस्त तथ्यों की विवेचना करते हुए पाया कि सर्वोदय अस्पताल के चिकित्सीय प्रपत्र एवं देयक प्रस्तुत किए हैं, वे कूटरचित रूप से तैयार कर न्यायालय से मोटी राशि के रूप में क्षतिपूर्ति प्राप्त करने आपराधिक कृत्य किया है। इन सभी का आशय बेईमानीपूर्ण एवं छलपूर्वक चिकित्सीय प्रपत्र तैयार करने को लेकर रहा है।
private hospital : इस सबंध में न्यायालय में उपस्थित होकर दस्तावेजों के जरिए मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। इसी के साथ अधिकरण ने उक्त सबंध में उचित अन्वेषण किया जाना अपेक्षित एवं आवश्यक बताते हुए सबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर अधिकरण को सूचित करने के निर्देश दिए हैं।