मप्र में शराब दुकानों पर हाईकोर्ट की सख्ती, बताया सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन
liquor shops : नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब दुकानों को खोलने की अनुमति देने पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई। जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में ऐसी शराब दुकानों को बंद या शिफ्ट करने की मांग की गई है। मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, प्रदेश के आबकारी आयुक्त व आबकारी सचिव को भी पक्षकार बनाया है।
भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता नूर खान की ओर से अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने दलील दी, राजमार्गों के किनारे शराब दुकानें होने से चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। इससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 21 व 47 का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी मप्र में एनएच किनारे शराब दुकानें चल रही हैं। इसे प्रमाणित करने के लिए याचिका के साथ शराब दुकानों की तस्वीरें व दस्तावेज भी दिए।