Bastar Road Accident: इस मार्ग में एक वर्ष के भीतर आधे दर्जन लोग हादसे का शिकार होकर मौत के मुंह में समा चुके हैं। प्रशासन ने इस मार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने भारी वाहनों को प्रवेश प्रतिबंधित किया है इसके बावजूद दुर्घटनाएं जारी है।
Bastar Road Accident: शहर के धरमपुरा को जोड़ने व यातायात के दबाव को कम करने के लिए दलपत सागर किनारे नवनिर्मित मार्ग इस वक्त हादसों की डगर बनता जा रहा है। इस मार्ग में एक वर्ष के भीतर आधे दर्जन लोग हादसे का शिकार होकर मौत के मुंह में समा चुके हैं।
प्रशासन ने इस मार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने भारी वाहनों को प्रवेश प्रतिबंधित किया है इसके बावजूद दुर्घटनाएं जारी है। बीते गुरूवार को हुए एक हादसे में तेज रफ्तार कार दलपत सागर में गिर गया जिससे एक साथ तीन युवकों की मौत हो गई । इस हादसे के बाद इस मार्ग में गति अवरोधक और रात के अंधेरे में सड़क पर विद्युत व्यवस्था की कमी महसूस हो रही है।
इस मार्ग में लगातार भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने पिछले माह प्रशासन ने लोहे का बेरिकेड लगाकर भारी भरकम वाहनों को प्रतिबंधित किया गया। इससे यह मार्ग लोगों के लिए और भी सुविधाजनक हो गया। बीते दिनों रात में तेज रफ्तार एक कार के अनियंत्रित होकर दलपत सागर में समा जाने और कार सवार युवकों के मौत के बाद इस मार्ग में गति अवरोधक लगाने की मांग को और अधिक मजबूत किया है। सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाने वाले इस मार्ग में आसपास के लोगों सहित अनेक वाहन चालकों ने गति अवरोधक लगाकर रफ्तार में नियंत्रण करने की मांग की है।
दलपत सागर मार्ग में निर्माण के बाद साल भर के भीतर विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में आधा दर्जन लोगों की अकाल मौत हो चुकी है। हाल के हादसों के अलावा पिछले छह महीने पूर्व एक व्याख्याता को तेज रफ्तार बाइक ने ठोकर मार दी थी जबकि एक मोटर साइकिल चालक भी तालाब के भीतर गिर कर मौत के आगोश में समा गया था। वहीं इस मार्ग पर गिरकर आए दिन लोग चोटहिल होते रहते हैं।
शहर में दिनों दिन बढ़ रही ट्रैफिक दबाव को देखते हुए पिछले वर्ष दलपत सागर के किनारे लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में सड़क चौड़ीकरण कर धरमपुरा के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई थी। शहर के अनुपमा चौंक के पास से धरमपुरा एक नंबर तक लगातार जाम और सुगम यातायात के लिए लोग इस मार्ग का प्रयोग करने लगे। यह मार्ग से होकर एजूकेशन हब धरमपुरा पहुंचने अधिकांश छात्र छात्राएं होते हैं। इस मार्ग के खुल जाने से इसे धरमपुरा पहुंचने का सबसे आसान मार्ग माना जाता है।