CG News: अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, जब किसी भी समय विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
CG News: इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को विशेष बन गया है क्योंकि लगभग 50 वर्षों बाद लक्ष्मी-नारायण राजयोग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन बिना किसी पंचांग या मुहूर्त देखने के, शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, जब किसी भी समय विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस बार का अक्षय तृतीया पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्यों का फल अक्षय रहता है यानी इसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता।
इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक, हवन और दान-पुण्य के आयोजन होंगे। लक्ष्मी-नारायण राजयोग के कारण इस वर्ष अक्षय तृतीया का महत्व और अधिक बढ़ गया है। ज्योतिषविदों के मुताबिक, जब चंद्रमा और सूर्य दोनों उच्च राशि में स्थित होते हैं, तब यह राजयोग बनता है, जो समृद्धि, वैभव और सुख-शांति का प्रतीक है।
CG News: व्यापारी वर्ग भी इस दिन को अत्यंत शुभ मानते हैं। सोना-चांदी, नई संपत्ति खरीदने और व्यापार में नई शुरुआत करने के लिए अक्षय तृतीया सर्वोत्तम मानी जाती है।