CG News: प्रदेश में आईआईटी की तर्ज पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज और चार पॉलीटेक्निक कॉलेज का दर्जा बदलने वाला है।
Jagdalpur News: प्रदेश में आईआईटी की तर्ज पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज और चार पॉलीटेक्निक कॉलेज का दर्जा बदलने वाला है। जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज नए सत्र से सीजीआईटी यानी छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कहलाएगा। राजधानी स्थित गवर्नमेंट को-एड पॉलीटेक्निक, कबीरधाम, जशपुर व रायगढ़ के पॉलीटेक्निक को भी सीजीआईटी का नाम मिलने वाला है।
जगदलपुर में 120 सीटों के साथ दो नए ब्रांच खोले जाएंगे। जहां पर इंजीनियरिंग के छात्र कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई कर पाएंगे। प्रदेशभर में सीजीआईटी के तहत 720 सीटों के साथ नया ब्रांच शुरू करने लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया है।
मंजूरी मिलते ही शिक्षा सत्र 2025-26 में एडमिशन दिए जाएंगे। रायपुर, जशपुर, कवर्धा और रायगढ़ चारों जिलों के पॉलीटेक्निक संस्थानों को ही इस संस्थान के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। हालांकि, सीजीआईटी बनने से पुराने पॉलिटेक्निक बंद नहीं होंगे।
सीजीआईटी में डिप्लोमा और बीटेक दोनों की पढ़ाई होगी। जीईसी को सीजीआईटी का दर्जा मिलना बस्तर के लिए बड़ी उपलब्धि है। आदिवासी बहुल क्षेत्र के युवा भी अब आईआईटी की तर्ज पर शुरू हो रहे नए ब्रांच में पढ़ाई कर पाएंगे।
गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में छह ब्रांच सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकम्युनिकेशन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल व माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है। इनमें 270 सीटें हैं। सीजीआईटी के बाद दो ब्रांच और शुरू होंगे। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई भी होगी। दोनों ब्रांच में 60-60 सीटों यानी 120 के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद नए सत्र से यहां 390 छात्रों को प्रवेश मिलेगा।
आईआईटी की तर्ज पर प्रदेश में इन संस्थान की स्थापना की घोषणा की गई थी, पिछली बार बजट में भी प्रावधान था। इसके अनुसार ही राज्य में 5 जगहों पर सीजीआईटी खोलने की तैयारी है। हालांकि, जिन पांच जिलों में इस संस्थान को शुरू किया जाना है, वहां इसके लिए अलग से कोई नया भवन या इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया जा रहा है। पहले से स्थापित संस्थानों को ही अपग्रेड कर सीजीआईटी में तब्दील किया जा रहा है।