CG News: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़कर छोटेराजपुर की प्रमिला मरकाम ने अपने परिवार की पारंपरिक रॉट आयरन कला को नई पहचान दी।
CG News: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं एवं युवतियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों का गठन किया जाता है। इसके माध्यम से महिलाओं को वित्तीय समावेशन, कौशल उन्नयन और अपनी आजीविका को सुदृढ़ करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
इस पहल से जिले की कई महिलाएं आज सफलता की नई कहानी लिख रही हैं। ऐसी ही प्रेरक कहानी है विकासखण्ड बड़ेराजपुर के ग्राम छोटेराजपुर की रहने वाली प्रमिला मरकाम की, जिन्होंने अपने परिवार की पारंपरिक रॉट आयरन कला को ‘बिहान’ के सहयोग से नई पहचान दिलाई और आज सालाना लगभग 5 लाख 40 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
CG News: जिले के दुरस्थ विकासखण्ड बड़ेराजपुर मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत छोटेराजपुर के पवित्रा स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रमिला का परिवार पहले मुख्य रूप से मजदूरी तथा कृषि आधारित कार्यों पर निर्भर थीं। समूह से जुडऩे के बाद उन्होंने रॉट आयरन से 80 प्रकार की विभिन्न कलाकृतियां तैयार करनी शुरू कीं और अब वे बदलाव का आधार हैं।