जयपुर

राजस्थान में 3200 मेगावाट का लगेगा नया थर्मल पावर प्लांट, 15 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, प्रति यूनिट 18 पैसे की होगी बचत

सौर और पवन ऊर्जा के साथ 3200 मेगावाट का बैटरी सिस्टम लगाने के बाद 51 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, जबकि यह थर्मल पावर प्लांट से 75 प्रतिशत लोड फैक्टर पर 57.6 मिलियन यूनिट बिजली बनती है।

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Oct 11, 2025
फाइल फोटो-पत्रिका

जयपुर। प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य ऊर्जा विकास निगम ने 3200 मेगावाट क्षमता का नया थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रोजेक्ट राज्य में ही स्थापित होने से राजस्थान को आर्थिक, औद्योगिक और रोजगार के स्तर पर बड़ा लाभ होगा। खास बात यह है कि, छत्तीसगढ़ की बजाय अब राजस्थान में ही प्लांट लगने से इंटरस्टेट ट्रांसमिशन लागत में प्रति यूनिट करीब 18 पैसे की बचत हो सकेगी।

आकलन के अनुसार प्रोजेक्ट की लागत 32000 से 38400 करोड़ रुपए के बीच होगी। इससे राज्य को 2880 से 3456 करोड़ रुपए का एसजीएसटी (राज्य वस्तु एवं सेवा कर) मिलेगा। संचालन के दौरान भी हर वर्ष करीब 173 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व कोयले, रखरखाव व अन्य उत्पाद पर टैक्स के रूप में मिलेगा। राज्य ऊर्जा विकास निगम इसके टेंडर जारी कर चुका है।

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75 प्रतिशत लोड फैक्टरः 6.6 मिलियन यूनिट ज्यादा बिजली

सौर और पवन ऊर्जा के साथ 3200 मेगावाट का बैटरी सिस्टम लगाने के बाद 51 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, जबकि यह थर्मल पावर प्लांट से 75 प्रतिशत लोड फैक्टर पर 57.6 मिलियन यूनिट बिजली बनती है। यानि, थर्मल पावर में इनके मुकाबले 6.6 मिलियन यूनिट ज्यादा बिजली बनती है।

15 हजार लोगों को रोजगार

प्रोजेक्ट से राज्य में 10 हजार से 15 हजार लोगों को सीधा रोजगार मिलने की संभावना है। इसके अलावा परिवहन, होटल-रेस्टोरेंट, निर्माण उपकरण, श्रमिक आपूर्ति और हॉर्टिकल्चर जैसे सहायक उद्योगों को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

बिजली उत्पादन में स्थिरता और ग्रिड संतुलन

  • राजस्थान देश में सौर ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य है, लेकिन ग्रिड में अत्यधिक सौर उत्पादन से संतुलन की चुनौती बढ़ती जा रही है। नया थर्मल पावर स्टेशन ग्रिड संतुलन बनाए रखने में भी भूमिका निभाएगा और बाहरी नेटवर्क पर निर्भरता कम होगी।
  • एक्सपर्टस का मानना है कि राज्य में औद्योगिक और घरेलू मांग में निरंतर बढ़ोतरी को देखते हुए बेस लोड बिजली की आपूर्ति के लिए थर्मल प्लांट जरूरी है।
  • अक्षय ऊर्जा और बैटरी सिस्टम पीक आवर (सुबह और शाम) की मांग पूरी करने में सहायक हैं, लेकिन लगातार आपूर्ति थर्मल प्लांट से हो सकती है।
  • लागत में फायदा- राज्य के भीतर प्लांट लगने से इंटरस्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम पर लगने वाले अतिरिक्त चार्ज की बचत होगी।
  • दूसरे राज्य में प्लांट होने पर कुल चार्ज 1.37 रुपए प्रति यूनिट
  • राजस्थान में लगाने पर यह 1.19 रुपए प्रति यूनिट रहेगा।
  • इससे प्रति यूनिट करीब 0.18 रुपए की सीधी बचत होगी।

फैक्ट फाइल

  • क्षमता- 3200 मेगावाट
  • अनुमानित लागत- 32000 से 38400 करोड़
  • एसजीएसटी रेवेन्यू- 2880 से 3456 करोड़
  • टैक्स से आय (हर वर्ष)- 173 करोड़
  • रोजगार- 10000 से 15000 लोगों को
  • प्रति यूनिट लागत बचत- 18 पैसे

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Published on:
11 Oct 2025 06:15 am
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