Anti-Conversion Bill: धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी होने पर कोर्ट उसे शून्य घोषित कर सकेगा। शादी से पहले या बाद में धर्म परिवर्तन के मामले में यह प्रावधान लागू होगा।
जयपुर। राजस्थान में किसी भी धर्म के व्यक्ति को अन्य धर्म में शादी करने या किसी अन्य उद्देश्य से धर्म परिवर्तन करने के लिए कलक्टर को 90 दिन पहले सूचना देकर स्वैच्छा से धर्म परिवर्तन का घोषणा पत्र देना होगा। ऐसा नहीं करने पर जबरन धर्म परिवर्तन मानते हुए राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस विधेयक के आधार पर बनने वाला कानून सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होगा, लेकिन मूल धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 पारित कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने विधेयक पर बहस में भाग नहीं लिया। अवैध रूप से धर्मान्तरण रोकने के लिए विधानसभा ने दूसरी बार विधेयक को मंजूरी दी है, वहीं एक बार विधेयक को ड्राफ्ट स्तर पर ही केन्द्र सरकार ने अटका दिया। वर्तमान विधेयक में जबरन व प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने वाली संस्थाओं की अवैध सम्पत्तियों को बुल्डोजर से ध्वस्त करने का प्रावधान है।
विधेयक में धर्म परिवर्तन के मकसद से शादी करने को धर्मांतरण की परिभाषा में लिया गया है। अगर कोई बहला-फुसला कर झूठे वादे करके या गलत जानकारी देकर शादी करता है और शादी से पहले या शादी के बाद धर्म परिवर्तन करवाता है तो इसे धर्मांतरण माना जाएगा। ऐसे मामलों में सजा होगी, जिसे लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी होने पर कोर्ट उसे शून्य घोषित कर सकेगा। शादी से पहले या बाद में धर्म परिवर्तन के मामले में यह प्रावधान लागू होगा। अवैध धर्मान्तरण पर सात से 14 साल तक सजा व 5 लाख जुर्माना हो सकेगा, व्यक्ति नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी-एसटी वर्ग का होने पर 10 से 20 साल तक सजा व 10 लाख जुर्माना हो सकेगा।
राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग ने कहा कि जैन धर्म वालों के हिन्दू धर्म से नाता जोड़ने पर भी इन प्रावधानों से गुजरना होगा, जिससे पुलिस की मौज होगी। किराए पर दी गई सम्पत्तियां भी जब्त हो जाएंगी, जिससे उनके मालिकों की परेशानी होगी।
भारत आदिवासी पार्टी के थावरचंद ने कहा कि आदिवासियों का तो कोई धर्म ही नहीं है, सरकार धर्मान्तरण रोकना चाहती है तो उनके लिए स्वतंत्र कोड लागू हो।
सरकार ने विधेयक के उद्देश्यों को लेकर स्पष्ट किया है कि राजस्थान में हाल ही कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं। जहां भ्रमित करके, बलपूर्वक, प्रलोभन देकर या छल करके सीधे-सादे व्यक्तियों का धर्मान्तरण कराया। अन्य राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए कानून हैं, पूर्व में प्रदेश में ऐसा कानून नहीं था।
1. सामूहिक धर्म परिवर्तन पर उम्रकैद तक सजा, 25 लाख जुर्माना।
2. जबरन धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध।
3. अनुष्ठान होने की स्थिति में धर्माचार्य को दो महीने पहले मजिस्ट्रेट को सूचित करना होगा।
4. धर्म परिवर्तन की सूचना कलक्टर, एडीएम के दफ्तर के नोटिस बोर्ड पर चस्पा होगी।
5. दो महीने में आपत्तियां मांगी जाएंगी। उन पर सुनवाई के बाद ही धर्म पविर्तन हो सकेगा।
6. धर्म परिवर्तन करने वाले को कलक्टर के सामने 10 दिन में पेश होना होगा।
7. अवैध धर्म परिवर्तन में शामिल संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा, एक करोड़ रुपए तक जुर्माना लगेगा।
8. मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर भी 90 दिन पहले कलक्टर या एडीएम के पास आवेदन करना होगा, धर्म परिवर्तन की सार्वजनिक सूचना देनी होगी।
9. सामूहिक धर्म परिवर्तन वाले निर्माण स्थल प्रशासन जब्त कर ध्वस्त करेगा।
10. धर्म परिवर्तन के 72 घंटे में घोषणा पत्र लेकर कलक्टर के पास जाना होगा।
11. कलक्टर को पेश घोषणा के साथ फोटो पहचान पत्र या आधार कार्ड की कॉपी देनी होगी।
12. कलक्टर के पास कोई आपत्ति आएगी तो सत्यता जानने के लिए जांच कराई जाएगी।
13. धर्म परिवर्तन कराने वाले को सबूत देना होगा कि स्वेच्छा से धर्म बदला गया है।